चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में हंगामा क्यों हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- हंगामा: पार्षदों के बीच मतभेद बढ़े।
- मार्शल: हंगामे के कारण बुलाने पड़े।
- विपक्ष: एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध किया।
- बैठक: 10 मिनट के लिए स्थगित हुई।
- भविष्य: पार्षदों को बोलने का मौका देने का वादा किया गया।
चंडीगढ़, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ नगर निगम की मंगलवार को हुई बैठक में ज़बरदस्त हंगामा हुआ। पार्षदों के बीच मतभेद इतना बढ़ गया कि हाउस में मार्शल बुलाना पड़ा और बैठक को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
बैठक की शुरुआत में ही विपक्षी पार्षदों ने पिछले हाउस के मिनट्स की कॉपी फाड़ दी, जिससे माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। पार्षद प्रेमलता, डिप्टी मेयर तरूणा मेहता और जसवीर सिंह बंटी ने मिलकर मिनट्स की कॉपी को फाड़कर मेयर हरप्रीत कौर बबला की सीट पर फेंक दिया। यह देखकर मेयर ने तुरंत हाउस से इन पार्षदों को बाहर निकलने का आदेश दिया।
हालांकि, पार्षद हाउस में ही हंगामा करते रहे और आदेश मानने से इन्कार कर दिया। इस कारण मार्शल को बुलाना पड़ा। विपक्ष के एकजुट होने और हंगामा बढ़ने के कारण अंततः मेयर ने हाउस की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद इस हंगामे में एकजुट नजर आए और उन्होंने मिलकर सरकार की नीतियों और पिछले निर्णयों का विरोध जताया। विपक्ष का कहना था कि पिछली बैठक में लिए गए फैसले सही नहीं थे, इसलिए वे मिनट्स की कॉपी फाड़ रहे हैं।
जब भाजपा के पार्षद बैठक से बाहर गए, तो विपक्ष ने अपनी बैठक शुरू कर दी। इस दौरान सीनियर डिप्टी मेयर जसवीर सिंह बंटी ने मेयर की भूमिका निभाते हुए कहा कि यदि वे मेयर बने तो हर पार्षद को बोलने का मौका मिलेगा और सभी के एजेंडों पर काम किया जाएगा।