क्या छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने वाले मौलाना पर कार्रवाई होगी?
सारांश
Key Takeaways
- मदरसे में वर्जिनिटी टेस्ट की मांग एक अमानवीय कृत्य है।
- महासभा ने मौलाना की गिरफ्तारी की मांग की है।
- यह घटना शिक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाती है।
- समाज को एकजुट होना होगा ऐसे कृत्यों के खिलाफ।
- लड़कियों के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है।
मुरादाबाद, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्थित लड़कियों के मदरसे में 13 वर्षीय छात्रा से 'वर्जिनिटी टेस्ट' की रिपोर्ट मांगने की घटना की अखिल भारतीय मुस्लिम महासभा ने कड़ी निंदा की है। महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाजी नाजिम खान ने कहा कि इस घटना ने मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। हम इस अमानवीय कृत्य में शामिल मौलाना की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त कर रही युवा मुस्लिम लड़कियों को इस तरह से निशाना बनाना अत्यंत शर्मनाक है। मौलाना द्वारा लड़की का वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगना मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी का कारण बन गया है। यह समाज की बहन-बेटियों को बदनाम करने का एक प्रयास है। ऐसे मौलानाओं को समाज में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए।
यह मामला मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल्स कॉलेज (मदरसा) से संबंधित है। 14 अक्टूबर को चंडीगढ़ निवासी मोहम्मद यूसुफ ने एसएसपी मुरादाबाद के समक्ष एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के अनुसार, मोहम्मद यूसुफ अपनी 7वीं कक्षा पास कर चुकी बेटी को 8वीं कक्षा में दाखिल करने के लिए मदरसे ले गए थे।
पिता ने आरोप लगाया कि जब वे प्रबंधन के पास पहुंचे, तो उन्होंने एक चौंकाने वाली शर्त रखी। प्रबंधन ने मदरसे में प्रवेश के लिए बेटी का वर्जिनिटी टेस्ट कराकर उसका सर्टिफिकेट जमा करने की मांग की। पीड़ित ने शिकायत में कहा कि यह मांग उनकी बेटी के चरित्र हनन का प्रयास है।
जब परिजनों ने इस बेतुकी मांग का विरोध किया, तो मदरसा प्रबंधन ने उनसे अभद्रता की और उन्हें परिसर से बाहर निकाल दिया। प्रबंधन ने यह भी धमकी दी कि यदि वे यह टेस्ट नहीं करा सकते, तो अपनी बेटी की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) निकलवा लें। परिजनों ने इस आरोप के समर्थन में पुलिस को एक टीसी फॉर्मेट भी सौंपा है, जिस पर चिकित्सा परीक्षण कराने की बात लिखी हुई है।