क्या चेतन चौहान ने लिटिल मास्टर के साथ पिच पर दीवार की तरह डटकर खेला?

सारांश
Key Takeaways
- चेतन चौहान ने अपने खेल में धैर्य और तकनीक का अद्भुत मेल दिखाया।
- उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 2084 रन बनाए।
- राजनीति में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान एक ऐसे सलामी बल्लेबाज थे, जिन्होंने अपनी दृढ़ता और तकनीकी कौशल के बल पर क्रिकेट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया। वे गेंदबाजों से मुकाबला करने के लिए घंटों तक क्रीज पर डटे रहते थे।
उन्होंने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के साथ मिलकर भारत की सबसे विश्वसनीय सलामी जोड़ी बनाई। चौहान ने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए, जिनमें 16 अर्धशतक शामिल हैं, हालांकि वे कभी भी टेस्ट शतक नहीं बना सके। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 97 रन था।
चेतन चौहान की बल्लेबाजी में धैर्य और तकनीक का अद्भुत सामंजस्य था, जिससे वे तेज गेंदबाजों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहते थे। वे गेंद छोड़ने और क्रीज पर टिके रहने की कला में माहिर थे, जिससे गावस्कर को खेल में स्वतंत्रता मिली। गावस्कर ने भी इस बात की प्रशंसा की है कि चौहान एक अच्छे साथी बल्लेबाज थे जो मैच की स्थिति के अनुसार खेलते थे।
चेतन चौहान ने क्रिकेट के साथ-साथ राजनीति में भी कदम रखा।
चेतन चौहान का जन्म 21 जुलाई 1947 को बरेली में हुआ। बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखने वाले चौहान ने महाराष्ट्र और दिल्ली की टीमों के लिए घरेलू क्रिकेट खेला।
उन्होंने 25 सितंबर 1969 को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। चौहान ने गावस्कर के साथ 59 पारियों में 3022 रन बनाए, जिसमें 10 शतकीय साझेदारियाँ शामिल हैं। लेकिन वे कभी भी अपने टेस्ट या कुल करियर में शतक नहीं लगा सके। 40 टेस्ट में 31.57 की औसत से 16 अर्धशतक बनाते हुए उन्होंने 2084 रन बनाए। इसके अलावा, उन्होंने 7 वनडे में 153 रन बनाए।
उन्हें 1981 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्रिकेट में सफल होने के बाद, चौहान ने राजनीति का रास्ता अपनाया।
वे 1991 और 1998 में अमरोहा से सांसद रहे। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता और राज्य के युवा और खेल मंत्री बने। 16 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया।