क्या छत्तीसगढ़ की बुजुर्ग महिला शीला के लिए संबल बनी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना?

सारांश
Key Takeaways
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना ने बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान की है।
- इस योजना से आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान बढ़ा है।
- केंद्र सरकार का उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
धमतरी, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिसका सीधा लाभ समाज के अंतिम लोगों तक पहुंच रहा है। इनमें से एक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना है। छत्तीसगढ़ के धमतरी की बुजुर्ग महिला शीला बाई को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
यह योजना 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाले बुजुर्ग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है और यह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित है।
धमतरी जिले की बुजुर्ग शीला बाई ने बताया कि इस बुढ़ापे में सरकार ने उनकी चिंता की है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा, “सरकार ने हमारी तकलीफों को समझते हुए हमें पेंशन दी है, जिससे अब हमें अपनी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।”
शीला बाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना ने उनके जीवन में संबल और आत्मविश्वास लौटा दिया है।
इस योजना के तहत गरीब तबके के बुजुर्गों को जीवनयापन के लिए प्रतिमाह केंद्र सरकार द्वारा 300 रुपए और राज्य सरकार द्वारा 200 रुपए, कुल 500 रुपए की राशि दी जाती है। इसके साथ ही महतारी वंदन योजना के तहत अतिरिक्त 500 रुपए दिए जा रहे हैं। इस प्रकार सरकार कुल 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान कर रही है।
केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि देश के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचे, ताकि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति पीछे न रह जाए। सरकार की पहल बुजुर्गों के जीवन में आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का भाव जगा रही है।