क्या छत्तीसगढ़ के जंगलों में सुरक्षा बलों की बड़ी मुठभेड़ ने माओवादियों को धराशायी किया?

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क्या छत्तीसगढ़ के जंगलों में सुरक्षा बलों की बड़ी मुठभेड़ ने माओवादियों को धराशायी किया?

सारांश

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई में 6 माओवादी मारे गए हैं। इस मुठभेड़ ने माओवादी गतिविधियों को एक बड़ा झटका दिया है। जानिए इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों के बारे में।

Key Takeaways

  • छत्तीसगढ़ में माओवादी खतरा कम करने के लिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है।
  • 6 कुख्यात माओवादियों की मृत्यु से स्थानीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
  • माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
  • मुठभेड़ में बरामद हथियारों से माओवादी नेटवर्क को नुकसान होगा।
  • सुरक्षा बलों की सफलताएँ माओवादी विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं।

बीजापुर, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने नेशनल पार्क क्षेत्र के घने जंगलों में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया है। खुफिया सूचना के आधार पर, डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन प्रारंभ किया। 11 नवंबर की सुबह से चली रुक-रुक कर गोलीबारी में 6 कुख्यात माओवादी मारे गए।

इन माओवादियों पर कुल 27 लाख रुपए का इनाम था। यह मुठभेड़ कांदुलनार-कचलारम जंगलों में हुई, जिसे पश्चिम और दक्षिण बस्तर डिवीजन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

मारे गए माओवादियों में एक की पहचान डीवीसीएम कन्ना उर्फ बुचन्ना (8 लाख इनामी) के रूप में हुई है, जो 42 अपराधों में वांछित था। यह माओवादी कैंप अटैक, ग्रामीण हत्याएं, आईईडी ब्लास्ट, बस जलाना, डकैती और शिक्षकों की हत्या में शामिल था। दूसरे की पहचान डीवीसीएम उर्मिला (8 लाख इनामी) के रूप में हुई, जो पापाराव की पत्नी और पामेड़ एरिया कमेटी की सचिव थी। यह पीएलजीए बटालियन की सप्लाई चेन संभालती थी, जो ग्रामीणों को डराकर भर्ती करती थी। तीसरा माओवादी एसीएम जगत तामो उर्फ मोटू (5 लाख इनामी) था।

इनके अतिरिक्त, देवे (2 लाख इनामी), पामेड़ एरिया कमेटी के सदस्य; भगत (2 लाख इनामी), मद्देड़ एरिया कमेटी के सदस्य; और मंगली ओयाम (2 लाख इनामी), महिला पार्टी सदस्य के रूप में पहचाने गए हैं।

माओवादियों के पास से कई हथियार और सामग्री बरामद हुई, जिनमें 2 इंसास राइफल (5 मैगजीन, 68 कारतूस), 1 कार्बाइन (3 मैगजीन, 22 कारतूस), .303 राइफल (13 कारतूस), 1 सिंगल शॉट राइफल, 1 12 बोर बंदूक, ग्रेनेड, विस्फोटक शामिल हैं। इसके अलावा, रेडियो, माओवादी साहित्य, वर्दी, और दवाएं भी मिली हैं।

पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि 2025 में जिले में 144 माओवादी मारे गए, 499 गिरफ्तार हुए और 560 ने सरेंडर किया। जनवरी 2024 से अब तक 202 माओवादियों को मारा गया, 1002 गिरफ्तार किए गए और 749 ने सरेंडर किया।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाएगी। यह मुठभेड़ न केवल स्थानीय सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि समाज में माओवादी खतरे को भी कम करेगी।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों का क्या हाल है?
छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियाँ अभी भी सक्रिय हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से इन पर नियंत्रण पाया जा रहा है।
इस मुठभेड़ में कितने माओवादी मारे गए?
इस मुठभेड़ में कुल 6 कुख्यात माओवादी मारे गए हैं।
क्या माओवादियों के खिलाफ और भी ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं?
हाँ, सुरक्षा बलों द्वारा लगातार माओवादी गतिविधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।