क्या चिराग पासवान जनता के हक में आवाज उठाते रहते हैं? : संजय निरुपम

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठाए हैं।
- संजय निरुपम ने चिराग के प्रयासों की सराहना की है।
- 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने देश की उपलब्धियों पर चर्चा की।
- जनहित की राजनीति की आज अधिक आवश्यकता है।
- सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करना आवश्यक है।
मुंबई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर प्रश्न उठाए हैं। इस मुद्दे पर सियासी हलचल तेज हो गई है। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चिराग पासवान बिहार की जनता के हक में लगातार अपनी आवाज उठाते रहते हैं।
संजय निरुपम ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि सवाल उठाना नहीं चाहिए। अगर समाज में कहीं कुछ गलत हो रहा है, तो उस पर बोलने का साहस और मंच होना आवश्यक है। मैं चिराग पासवान को बधाई देना चाहता हूं कि वह बिहार की जनता के हक में निरंतर अपने विचार रखते हैं। वह केवल मीडिया में ही नहीं, बल्कि अपने गठबंधन के मंच पर भी खुलकर अपनी बात रखते हैं। ऐसी स्पष्ट और जनहित की राजनीति की आज अधिक आवश्यकता है। यदि प्रदेश की जनता असुरक्षित है, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की है।
इसके अलावा, संजय निरुपम ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम निश्चित रूप से एक अनोखी और जानकारीपूर्ण पहल है। जब कोई प्रधानमंत्री अपने नागरिकों से रेडियो के माध्यम से नियमित संवाद करे, तो यह अत्यंत सराहनीय है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूं कि उन्होंने बिना किसी रुकावट के यह संवाद बनाए रखा है। वे देशवासियों की उपलब्धियों, सामाजिक कार्यों और प्रेरणादायक घटनाओं को उजागर करते हैं। ‘मन की बात’ अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह जनसंवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। 124वें एपिसोड में पीएम ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया। उन्होंने भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और देश तथा समाज के विकास में लोगों के योगदान की सराहना की।