क्या भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के विकास से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं?

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क्या भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के विकास से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं?

सारांश

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों की चमकदार कहानी प्रस्तुत कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की जानकारी के अनुसार, फॉक्सकॉन जैसे प्रमुख उद्योगों ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जानिए कैसे ये बदलाव महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दे रहे हैं।

Key Takeaways

  • इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
  • फॉक्सकॉन ने अपने प्लांट में 80% महिलाएं नियुक्त की हैं।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हो रहा है।
  • भारत की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा बनने की ओर अग्रसर।
  • नए रोजगार महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दे रहे हैं।

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र महिलाओं के लिए अत्यधिक संख्या में ब्लू-कॉलर रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को साझा की।

उन्होंने कहा कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु में अपने नए प्लांट में पिछले आठ से नौ महीनों में लगभग 30,000 कर्मचारियों को नियुक्त किया है, जिनमें से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं।

वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाला एक बड़ा कारखाना पहले कल्पना में भी नहीं था।

उन्होंने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार का सृजन लगातार जारी है। इससे महिलाओं को लाभ मिल रहा है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, महिला सशक्तिकरण और जीवन की सुगमता का पूरी तरह से प्रदर्शन हो रहा है।"

देवनहल्ली में अपने नए आईफोन असेंबली प्लांट के लिए फॉक्सकॉन ने महिलाओं को नियुक्त किया है, जिनमें से अधिकांश पहली बार औपचारिक कार्यबल में शामिल हो रही हैं और उनकी आयु 19-24 वर्ष के बीच है। अगले वर्ष तक, इस कारखाने में कर्मचारियों की संख्या बढ़कर लगभग 50,000 होने की संभावना है।

इस प्लांट में परीक्षण उत्पादन इस वर्ष अप्रैल-मई में आईफोन 16 के साथ आरंभ हुआ था। वर्तमान में, प्लांट में नवीनतम आईफोन 17 प्रो मैक्स मॉडल असेंबल किए जा रहे हैं। उत्पादन का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा निर्यात के लिए है।

ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इस प्रोजेक्ट में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

लगभग 250,000 स्क्वायर फीट के उत्पादन स्थान वाली यह सुविधा उत्पादन क्षमता और रोजगार दोनों के मामले में भारत की कंपनी की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा बन जाएगी।

अनुमान है कि यह नई सुविधा फॉक्सकॉन के तमिलनाडु में पहले आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को भी पीछे छोड़ देगी, जिसमें अभी लगभग 41,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

अक्टूबर में, फॉक्सकॉन ने घोषणा की थी कि वह तमिलनाडु में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे 14,000 उच्च मूल्य वाली नौकरियाँ पैदा होंगी।

फॉक्सकॉन के तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में ऑपरेशन हैं, और यह नई योजनाएं भारत में इसके विस्तार का एक बड़ा संकेत हैं।

Point of View

बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी सशक्त बनाता है। इस दिशा में किए गए प्रयासों को देखना महत्वपूर्ण है, और हमें इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

फॉक्सकॉन ने कितनी महिलाओं को नौकरी दी है?
फॉक्सकॉन ने अपने बेंगलुरु प्लांट में 30,000 कर्मचारियों में से लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी दी है।
महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे बढ़ रहे हैं?
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में नई फैक्ट्रियों के खुलने से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
यह प्लांट कब खोला गया था?
यह प्लांट इस वर्ष की शुरुआत में खोला गया था, जिसमें परीक्षण उत्पादन अप्रैल-मई में शुरू हुआ था।
कौन से मॉडल का उत्पादन किया जा रहा है?
वर्तमान में, प्लांट में नवीनतम आईफोन 17 प्रो मैक्स मॉडल का उत्पादन किया जा रहा है।
फॉक्सकॉन का भारत में क्या विस्तार है?
फॉक्सकॉन ने भारत में कई राज्यों में अपनी फैक्ट्रियों का विस्तार किया है, जिसमें कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।
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