क्या चिरंजीवी के डांस स्टेप्स के साथ पूरी दुनिया थिरकी, लेकिन राजनीति में उन्हें सफलता नहीं मिली?

सारांश
Key Takeaways
- चिरंजीवी का असली नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है।
- उन्होंने 1978 में सिनेमा में कदम रखा।
- चिरंजीवी की फिल्में दर्शकों में अत्यधिक लोकप्रिय रही हैं।
- उनकी राजनीतिक यात्रा में सफलता नहीं मिली।
- उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण भारतीय सिनेमा या हिंदी सिनेमा, एक ऐसा अभिनेता जिसने अपनी दहाड़ से दर्शकों को कुर्सी पर ठिठकने पर मजबूर कर दिया। इस अभिनेता को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भारतीय फिल्म उद्योग में अभिनेता/नर्तक श्रेणी में सबसे सफल फिल्म स्टार के रूप में मान्यता दी। उनकी थिरकन के साथ दर्शक खुद भी थिरकने लगते थे। लेकिन जब इस अभिनेता ने राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा तो उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिली।
सिनेमा के इस मेगास्टार ने राजनीति में कदम रखा लेकिन उनकी पार्टी ने चुनावों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। हम बात कर रहे हैं साउथ सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी की, जिन्होंने आंध्र प्रदेश में 'प्रजा राज्यम पार्टी' (पीआरपी) की स्थापना की।
'मेगास्टार चिरंजीवी' का असली नाम कोणिदेल शिव शंकर वर प्रसाद है, जो कि सबसे सफल भारतीय सितारों में से एक हैं। चिरंजीवी ने 1978 में 'पुनाधिरल्लू' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जैसे 'रघुपति वेंकैया' पुरस्कार और पद्म भूषण।
चिरंजीवी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी फिल्म 'कोडामा सिम्हम' (1990) अंग्रेजी में डब होने वाली पहली दक्षिण भारतीय फिल्म बनी। उन्होंने 45 साल के करियर में 156 फिल्में कीं और 24,000 से अधिक डांस मूव्स के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सम्मानित हुए।
22 अगस्त 1955 को आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी जिले के मोगलथुर में जन्मे चिरंजीवी ने अपने दादा-दादी के साथ बचपन बिताया। उन्होंने अभिनय में रुचि रखते हुए मद्रास फिल्म संस्थान में दाखिला लिया।
उनका राजनीतिक सफर छोटा लेकिन यादगार रहा। 26 अगस्त 2008 को चिरंजीवी ने 'प्रजा राज्यम पार्टी' की स्थापना की। पार्टी ने 2009 में विधानसभा चुनावों में भाग लिया, लेकिन उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाई। 2011 में उन्होंने अपनी पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय कर लिया।
चिरंजीवी ने 2012 में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री का पद संभाला, लेकिन 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद उन्होंने खुद को राजनीतिक गतिविधियों से दूर कर लिया। चिरंजीवी ने कहा कि वह सिनेमा के करीब रहेंगे और राजनीति से दूर रहेंगे।