क्या चुनावों के समय ममता बनर्जी का हिंदू प्रेम जागता है?: दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी का हिंदू प्रेम चुनावों के समय जागता है।
- दिलीप जायसवाल ने तुष्टीकरण की राजनीति पर सवाल उठाए।
- असम में घुसपैठियों की समस्या गंभीर है।
- 'बिहार लघु उद्यमी योजना' स्वरोजगार को बढ़ावा देती है।
- एनडीए सरकार आत्मनिर्भर बिहार के लिए प्रतिबद्ध है।
पटना, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दुर्गा आंगन के शिलान्यास के बाद बिहार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय ममता का हिंदू प्रेम अचानक जाग उठता है।
पटना में राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में दिलीप जायसवाल ने कहा कि ममता बनर्जी सनातन और हिंदू परंपराओं के प्रति अत्यधिक स्नेह प्रदर्शित करती हैं। इसी कारण वे दुर्गा पूजा के दौरान दान देती हैं और मंदिर निर्माण की बात करती हैं, जबकि दूसरी ओर हुमायूं कबीर से विदेशी शैली की मस्जिद बनाने की मांग करती हैं। यह सब उनकी तुष्टीकरण की राजनीति को दर्शाता है और इससे वे राजनीति के नैतिक मूल्यों को कमजोर कर रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि असम की स्थिति बहुत गंभीर है। असम में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ सबसे ज्यादा हुई है। इसलिए, अगर असम को बचाना है, तो इन घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना होगा।
बीएमसी चुनाव को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन चुनाव की ओर बढ़ रहा है। हम चुनाव जीतेंगे।
एसआईआर के बारे में जायसवाल ने कहा कि पूरे देश के लोग किसी भी प्रकार के हमले को सहन नहीं करेंगे क्योंकि एसआईआर इस देश के लिए आवश्यक है। यदि कोई वोटर गुजर जाता है, तो उसका नाम वोटर सूची से हटा देना चाहिए। अगर किसी वोटर का नाम दो स्थानों पर रजिस्टर है, तो उसे केवल एक स्थान पर नाम रखने का अधिकार है। इस देश में किसी भी स्थिति में घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देश के लोग, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख, या ईसाई हों, किसी भी बाहरी व्यक्ति को इस देश का वोटर बनने नहीं देंगे।
'बिहार लघु उद्यमी योजना' का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार में स्वरोजगार की नई क्रांति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में हो रही है। बिहार सरकार समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। 'बिहार लघु उद्यमी योजना' इसी संकल्प का एक जीवंत प्रमाण है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने हेतु 2 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जा रही है। हमें गर्व है कि इस योजना के अंतर्गत, अब तक 71,740 लाभार्थियों को सीधा लाभ पहुंचाया जा चुका है। एनडीए सरकार का यह अटूट संकल्प है कि उद्योगों के जाल और स्वरोजगार के अवसरों से हम एक आत्मनिर्भर बिहार का निर्माण करेंगे। हम प्रदेश के हर नागरिक के आर्थिक उत्थान और सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।