क्या चुनाव आयोग ने 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को पंजीकरण सूची से हटाया?

सारांश
Key Takeaways
- 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को पंजीकरण सूची से हटाया गया।
- अब केवल 6 राष्ट्रीय दल और 67 क्षेत्रीय दल शेष हैं।
- हटाए गए दलों को अपील के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
- गैर-मान्यता प्राप्त दलों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को पंजीकृत सूची से हटा दिया है। इस फैसले के बाद अब केवल 6 राष्ट्रीय दल और 67 क्षेत्रीय पार्टियां शेष रह गई हैं, जबकि कुल 2,520 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल अब भी मौजूद हैं।
इन 6 राष्ट्रीय दलों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, बसपा, सीपीएमआई और एनपीपी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसे 67 प्रमुख दल भी चुनाव आयोग की सूची में क्षेत्रीय दलों के रूप में पंजीकृत हैं।
आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया है कि सूची से बाहर किए गए दल आयकर अधिनियम-1961 और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश-1968 के प्रावधानों के तहत जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 29बी और 29सी के तहत कोई भी लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन दलों को अपनी अपील के लिए 30 दिन का समय दिया है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जून 2025 में ईसीआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 345 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के सत्यापन की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया था। इस प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों ने इन दलों की जांच की, उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किए और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान किया।
अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, 345 में से 334 दलों ने आवश्यक शर्तों का पालन नहीं किया। आयोग ने सभी तथ्यों और अधिकारियों की सिफारिशों पर विचार करते हुए इन 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है।
चुनाव आयोग ने बताया है कि अब कुल 2,854 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से केवल 2,520 दल शेष रह गए हैं।
आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण भारत निर्वाचन आयोग के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 29ए के अंतर्गत किया जाता है। राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए यह नियम है कि यदि कोई पार्टी लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ती है, तो उसका नाम रजिस्ट्रेशन सूची से हटा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, धारा 29ए के तहत रजिस्ट्रेशन के समय राजनीतिक दलों को अपना नाम, पता, पदाधिकारियों की सूची आदि जैसी जानकारी देना आवश्यक है और इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन होने पर तुरंत आयोग को सूचित करना होगा।