क्या चुनाव आयोग ने सांसद वीणा देवी और एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह को दोहरी वोटर आईडी मामले में नोटिस भेजा?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग ने दो नेताओं को नोटिस भेजा है।
- वीणा देवी और दिनेश प्रसाद सिंह पर आरोप लगे हैं।
- तेजस्वी यादव ने इस मामले में खुलासा किया।
- नोटिस का जवाब 16 अगस्त तक देना है।
- क्या यह चुनावी धांधली है? सवाल उठ रहे हैं।
पटना, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने सांसद वीणा देवी और एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह को नोटिस जारी किया है। आयोग ने 16 अगस्त तक इन दोनों नेताओं से 'दोहरी वोटर आईडी' पर स्पष्टीकरण मांगा है।
चुनाव आयोग ने वीणा देवी को नोटिस में लिखा है, "आपका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 के दौरान प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची में दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दो अलग-अलग ईपिक कार्ड के साथ अंकित है। इस संबंध में 16 अगस्त शाम 5 बजे तक निश्चित रूप से अपना जवाब दें।"
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची का हवाला देते हुए बताया कि वीणा देवी का नाम 98-साहेबगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बूथ नंबर 325 (ईपिक आईडी- यूटीओ1134543) और 94-मुजफ्फरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बूथ नंबर 371 (ईपिक आईडी- जीएसबी1037894) पर दर्ज है।
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने वीणा देवी के पति और जदयू के एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह से भी दोहरी वोटर आईडी पर स्पष्टीकरण मांगा है। तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि दिनेश प्रसाद सिंह के पास दो अलग-अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में दो अलग-अलग वोटर आईडी नंबर हैं।
तेजस्वी यादव ने वीणा देवी और दिनेश प्रसाद सिंह की दोहरी वोटर आईडी का खुलासा करते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "क्या मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) के विशेष होने के कारण चुनाव आयोग ने इनके (दिनेश प्रसाद सिंह) दो वोट बनाने की अनुमति दी? ये वैशाली सांसद वीणा देवी के पति हैं। इनकी सांसद पत्नी के पास भी दो वोट और दो ईपिक आईडी हैं।"
उन्होंने यह भी सवाल उठाया, "क्या यह चुनाव आयोग की तरफ से एनडीए को जिताने के लिए की गई चुनावी धांधली नहीं है? क्या चुनाव आयोग अपनी गड़बड़ियों और गलतियों को स्वीकार करेगा?"