क्या सीएम भूपेंद्र पटेल ने 'आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे' पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
- यह दिन राष्ट्रीय एकता और सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित है।
- वीरता का मतलब केवल युद्ध में नहीं, बल्कि परिवारों के बलिदान को भी समझना है।
गांधीनगर, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे के अवसर पर देश की सीमाओं की रक्षा में लगे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने मातृभूमि और देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) कृष्णदीप सिंह और सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर भी साझा की और लिखा, ''आज आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे के अवसर पर, हमने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों के परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया।''
उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने भी इस दिन को याद करते हुए लिखा, ''सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर मातृभूमि की रक्षा में समर्पित हमारे वीर सैनिकों के अद्भुत साहस, पराक्रम और समर्पण को सलाम। आइए, हम सभी मिलकर सशस्त्र बलों के परिवारों के सम्मान और कल्याण के लिए योगदान देने का संकल्प लें।''
भारत 1949 से 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाता आ रहा है, ताकि उन शहीदों और सैनिकों को सम्मानित किया जा सके, जिन्होंने देश की शान की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। यह दिन राष्ट्रीय एकता की भावना व्यक्त करने और विकलांग सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए धन जुटाने के लिए मनाया जाता है।
यह झंडा दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि वीरता केवल मोर्चे पर ही नहीं होती, इसके पीछे कई त्याग होते हैं, जो भले ही प्रत्यक्ष रूप से दिखाई न दें, लेकिन सैनिक के परिवार का भी उसी बलिदान में योगदान होता है। उनके सपने, चिंताएं और उम्मीदें अक्सर देश की खातिर पीछे रह जाती हैं। अतः सैनिकों और शहीदों के परिवारों की सराहना और सहयोग करना सभी नागरिकों का दायित्व है।