क्या सीएम भूपेंद्र पटेल का समावेशी और संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए 'वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस' का आयोजन एक अभिनव दृष्टिकोण है?
सारांश
Key Takeaways
- गुजरात का विकास एक नई दिशा में बढ़ रहा है।
- निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।
- समावेशी विकास की दिशा में एक कदम।
- वैश्विक मंच पर गुजरात की पहचान मजबूत होगी।
- स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
गांधीनगर, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में 2003 से आरंभ हुई वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने गुजरात को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर प्रमुखता दिलाई है। इसके परिणामस्वरूप, गुजरात ने विश्वभर के उद्योगों और निवेशकों के लिए ‘गेट-वे टू द फ्यूचर’ के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस उपलब्धि के बाद राज्य के विविध क्षेत्रों की मुख्य विशेषताओं, क्षमताओं और आर्थिक विकास की संभावनाओं को उजागर करने के लिए वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) का आयोजन करने का नया दृष्टिकोण अपनाया है।
समावेशी और संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए मार्गदर्शक इस वीजीआरसी के अंतर्गत राज्य में चार संस्करण आयोजित करने की योजना है, जिसमें आगामी 10 से 12 जनवरी, 2026 के दौरान राजकोट में सौराष्ट्र–कच्छ क्षेत्र की वीजीआरसी का आयोजन किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस संदर्भ में शुक्रवार को नई दिल्ली में एक चर्चा-संवाद सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में वीजीआरसी में देश और दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उनके समक्ष इसकी विशेषताओं की प्रस्तुति दी गई और विकास संभावनाओं वाले क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस संवाद सत्र में ‘क्षेत्रीय आकांक्षाएं, वैश्विक महत्वाकांक्षाएं’ थीम के अनुसार समावेशी, नवोन्मेषी एवं सतत-टिकाऊ अर्थव्यवस्था के लिए गुजरात की विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया।
विशेषकर, फिशरीज, पोर्ट्स, धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर सार्थक संवाद और बीटूबी (बिजनेस-टू-बिजनेस) की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके अलावा, वीजीआरसी में साझेदार देश बनने के फायदे, नेटवर्किंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उद्योग आयुक्त पी स्वरूप ने चर्चा सत्र में मेहसाणा में आयोजित उत्तर गुजरात क्षेत्र की पहली वीजीआरसी की सफलता और 3.24 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की जानकारी दी।
इस संवाद में रूस, इजरायल, सिंगापुर, यूएई, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, फिनलैंड, कनाडा, श्रीलंका, ओमान, आइसलैंड, गुयाना, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, कतर, तंजानिया, युगांडा और उज्बेकिस्तान सहित 20 से अधिक देशों के विदेशी मिशन और दूतावासों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव, केंद्रीय मत्स्य पालन संयुक्त सचिव और इन्वेस्ट इंडिया की राज्य सुविधा टीम तथा गुजरात सरकार के उद्योग एवं खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा, आर्थिक मामलों की सचिव आरती कंवर, सचिव संदीप कुमार, उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप, पर्यटन सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के सीईओ राजकुमार बेनीवाल, रेजिडेंट कमिश्नर सह मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. विक्रांत पांडे और धोलेरा एसआईआर के सीईओ कुलदीप आर्य मौजूद रहे।