क्या हलासन से उष्ट्रासन तक: पेट में जलन, एसिडिटी और डकार से छुटकारा दिलाएंगे ये योगासन?

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क्या हलासन से उष्ट्रासन तक: पेट में जलन, एसिडिटी और डकार से छुटकारा दिलाएंगे ये योगासन?

सारांश

क्या आप पेट में जलन, एसिडिटी और डकार जैसी समस्याओं से परेशान हैं? जानें कैसे हलासन से उष्ट्रासन तक के योगासन आपके पाचन तंत्र को सुधार सकते हैं। ये आसन न केवल आपके पेट की समस्याओं को कम करेंगे, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे।

Key Takeaways

  • वज्रासन खाना खाने के बाद पाचन में मदद करता है।
  • हलासन पेट के अंगों को संतुलित करता है।
  • उष्ट्रासन फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
  • पवनमुक्तासन गैस को बाहर निकालता है।
  • मयूरासन पेट का डिटॉक्स किंग है।

नई दिल्ली, १२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बदलते खान-पान, तला-भुना खाना, देर रात भोजन करना और तनाव के कारण अधिकांश लोग एसिडिटी, गैस, जलन और अपच की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन समस्याओं का समाधान योगासन में छिपा है, जिनके बारे में विशेषज्ञों की सलाह है।

योग विशेषज्ञों का मानना है कि इन आसनों का सुबह खाली पेट या शाम को हल्के पेट पर अभ्यास करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है।

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के लिए आठ अत्यधिक प्रभावी योगासनों की जानकारी साझा करता है। केवल २० से २५ मिनट का नियमित अभ्यास पेट में बनने वाली एसिडिटी को कम करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस की समस्या को समाप्त करता है।

लाभकारी योगासनों की सूची में वज्रासन, पवनमुक्तासन, हलासन, उष्ट्रासन, सुप्त वज्रासन, मयूरासन, अर्द्ध मत्स्येंद्रासन और मत्स्यासन शामिल हैं।

वज्रासन को खाने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है। यह एक ऐसा आसन है, जो भोजन के बाद करने से पाचन तेज होता है और एसिड ऊपर नहीं चढ़ता। पवनमुक्तासन पेट में फंसी गैस को बाहर निकालता है और कब्ज तथा ब्लोटिंग में राहत देता है। वहीं, उष्ट्रासन छाती और पेट को खोलता है, एसिड रिफ्लक्स को रोकता है और फेफड़ों को भी मजबूत बनाता है। हलासन पेट के अंगों पर दबाव डालकर पाचन रस को संतुलित करता है और लिवर-किडनी को डिटॉक्स करता है।

मयूरासन पेट की सभी गर्मी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, इसे पेट का डिटॉक्स किंग भी कहा जाता है। सुप्त वज्रासन पेट की मांसपेशियों को आराम देता है और एसिडिटी की जलन को शांत करता है। अर्द्ध मत्स्येंद्रासन पेट में फंसी गंदगी निकालने में मदद करता है, जिससे पुरानी कब्ज की समस्या समाप्त होती है और गैस निकलती है। मत्स्यासन गले और पेट के बीच के हिस्से को खोलता है, थायरॉइड को संतुलित करता है और एसिड रिफ्लक्स को रोकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये योगासन बेहद लाभकारी हैं। हालांकि, शुरुआत में किसी योग ट्रेनर की देखरेख में अभ्यास करना बेहतर होता है। इसके साथ ही खटाई और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, अधिक पानी पिएं और रात का खाना जल्दी खाएं।

Point of View

यह कहना सही होगा कि योगासन न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाते हैं। आज के समय में जब लोग तनाव और अनियमित खान-पान का सामना कर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि हम प्राकृतिक उपायों की ओर ध्यान दें। योग का अभ्यास न केवल हमें शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे मन को भी शांति देता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या योगासन से एसिडिटी ठीक हो सकती है?
हाँ, नियमित योगासन विशेषकर हलासन और उष्ट्रासन एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
योगासन करने का सही समय क्या है?
सुबह खाली पेट या शाम को हल्के पेट पर योगासन करना सबसे लाभकारी होता है।
क्या वज्रासन खाना खाने के बाद कर सकते हैं?
हाँ, वज्रासन को खाना खाने के तुरंत बाद किया जा सकता है।
क्या योगासन करने से गैस की समस्या ठीक हो सकती है?
जी हाँ, पवनमुक्तासन जैसे आसनों से गैस की समस्या में राहत मिलती है।
क्या योगासन करने के लिए किसी ट्रेनर की जरूरत होती है?
शुरुआत में योग ट्रेनर की देखरेख में अभ्यास करना बेहतर होता है।
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