क्या सीएम फडणवीस ने 'सिंदूर ब्रिज' का उद्घाटन कर गुलामी की निशानी को हटाने का निर्णय लिया?

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क्या सीएम फडणवीस ने 'सिंदूर ब्रिज' का उद्घाटन कर गुलामी की निशानी को हटाने का निर्णय लिया?

सारांश

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में 'सिंदूर ब्रिज' का उद्घाटन किया, जो पहले कार्नैक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। इस कदम के पीछे गुलामी की निशानियों को मिटाने की मंशा है। जानें इस ब्रिज के महत्व और इतिहास के बारे में।

Key Takeaways

  • मुंबई में 'सिंदूर ब्रिज' का उद्घाटन
  • ब्रिज का नाम पहले कार्नैक ब्रिज था
  • ब्रिज का उद्घाटन सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किया
  • गुलामी की निशानियों को मिटाने का प्रयास
  • ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

मुंबई, १० जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई में 'सिंदूर ब्रिज' का उद्घाटन किया। यह पुल पहले कार्नैक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और राज्य सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी उपस्थित थे।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 'सिंदूर ब्रिज' के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है कि मुंबई में ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन हो रहा है। हमें पता है कि पुराना कार्नैक ब्रिज बहुत जर्जर हो चुका था, इसलिए उसे हटाया गया और उसकी जगह एक नया पुल बनाया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "कार्नैक ब्रिज का नाम सिंदूर ब्रिज इसलिए रखा गया है क्योंकि यह ब्रिटिश गवर्नर के नाम पर था, जिसने भारतीयों पर कई अत्याचार किए, विशेषकर सतारा के प्रताप सिंह राजे और नागपुर के उद्धव राजे के खिलाफ। उन्होंने अनेक लोगों को जान से मारने का प्रयास किया, इसलिए हमने इस अत्याचारी गवर्नर का नाम बदलकर सिंदूर रखने का निर्णय लिया। हम सभी जानते हैं कि 'ऑपरेशन सिंदूर' भारतीयों के मन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को समाप्त किया।"

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, "पीएम मोदी ने कई बार कहा है कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में हमें गुलामी की निशानियों को मिटाकर अपनी पहचान को महत्व देना चाहिए। इसी क्रम में यह निर्णय लिया गया है।"

ज्ञात हो कि यह पुल दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ता है। इसका नाम पहले बंबई प्रांत के गवर्नर जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने १८३९ से १८४१ तक इस पद पर कार्य किया। अब इसे (ऑपरेशन सिंदूर पर) 'सिंदूर ब्रिज' का नाम दिया गया है।

Point of View

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय न केवल ऐतिहासिक संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हम अपनी पहचान और संस्कृति को महत्व देते हैं। यह बदलाव स्वतंत्रता की भावना को जागृत करता है और हमें अपने अतीत से सीखने की प्रेरणा देता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन कब हुआ?
सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन १० जुलाई को हुआ।
सिंदूर ब्रिज का नाम पहले क्या था?
इसका नाम पहले कार्नैक ब्रिज था।
इस पुल का उद्घाटन किसने किया?
इस पुल का उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
सिंदूर ब्रिज का महत्व क्या है?
यह पुल पूर्वी और पश्चिमी मुंबई को जोड़ता है और गुलामी की निशानियों को मिटाने के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने के लिए किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है।