क्या यूपी के सीएम योगी ने एसआईआर फॉर्म भरकर नागरिक जिम्मेदारी की मिसाल पेश की?
सारांश
Key Takeaways
- मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देना आवश्यक है।
- एसआईआर प्रक्रिया की महत्वता को समझें।
- नागरिकों की भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।
- मतदाता सूची का अद्यतन रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
- लोकतंत्र में सक्रियता आवश्यक है।
गोरखपुर, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिक जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक चेतना का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर के बैठक कक्ष में मतदाता सूची के एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का फॉर्म भरा।
मुख्यमंत्री गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के झूलेलाल मंदिर के पास स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय मतदान केंद्र के बूथ संख्या 223 में पंजीकृत मतदाता हैं।
सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो साझा करते हुए लिखा, ''सशक्त लोकतंत्र की नींव हैं 'सत्यापित मतदाता,' आज विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के अंतर्गत गोरखपुर में अपना गणना प्रपत्र स्वयं भरकर प्रस्तुत किया। आप सभी एसआईआर फॉर्म अवश्य भरें। आपका यह छोटा सा प्रयास भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा।''
जानकारी के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, एसआईआर 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस प्रक्रिया में शामिल हैं। इसी संदर्भ में मंगलवार को बीएलओ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और मुख्यमंत्री को एसआईआर फॉर्म उपलब्ध कराया, जिसे मुख्यमंत्री ने भरकर उन्हें सौंप दिया।
एसआईआर मतदाता सूची को शुद्ध और सटीक बनाने तथा संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदाता अधिकारों का सही से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं इस प्रक्रिया में भाग लेना यह दर्शाता है कि मतदाता सूची को सही और अद्यतन रखना केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार और कर्तव्य है। ऐसी पहल मतदाता जागरूकता को मजबूती देती है और लोकतंत्र को और अधिक सहभागी बनाती है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी दीपक मीणा, तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह, भाजपा महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, नगर निगम बोर्ड के उपसभापति एवं पार्षद पवन त्रिपाठी तथा जीडीए बोर्ड सदस्य दुर्गेश बजाज उपस्थित रहे।