क्या कोयंबटूर की जाम समस्या के समाधान के लिए पार्किंग नीति का अभी भी इंतज़ार है?

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क्या कोयंबटूर की जाम समस्या के समाधान के लिए पार्किंग नीति का अभी भी इंतज़ार है?

सारांश

कोयंबटूर की सड़कें जाम की समस्या से जूझ रही हैं, और नगर निगम की वादा पार्कींग नीति को लागू नहीं कर पाने के कारण लोग भारी असुविधा का सामना कर रहे हैं। क्या अब समय है ठोस नीति बनाने का?

Key Takeaways

  • कोयंबटूर में जाम की समस्या गंभीर है।
  • नगर निगम ने पार्किंग नीति का वादा किया था।
  • फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ी होने से पैदल यात्री प्रभावित हैं।
  • भुगतान वाली पार्किंग योजना पर विरोध है।
  • शहर के लिए ठोस नीति बनाना अनिवार्य है।

कोयंबटूर, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कोयंबटूर की सड़कों पर जाम की स्थिति अब काफी गंभीर हो चुकी है। यहां हर दिन जब गाड़ियां फुटपाथ पर चलने लगती हैं और मुख्य सड़कों पर जाम लगा देती हैं, तो लोगों को यह याद आता है कि नगर निगम ने पार्किंग नीति बनाने का वादा किया था, लेकिन यह अब तक लागू नहीं हुई।

करीब दो साल तक विभिन्न योजनाएं बनीं, अध्ययन हुए और चर्चा की गई, लेकिन नगर निगम और पुलिस द्वारा शुरू की गई पहल अधर में लटक गई। नतीजा यह हुआ कि ट्रैफिक की समस्या और पैदल चलने वालों की सुरक्षा दोनों ही बिगड़ गई।

साल 2022 में उम्मीद जगाई थी, जब कोयंबटूर नगर निगम ने परिवहन और विकास नीति संस्थान (आईटीडीपी) से सड़क किनारे पार्किंग व्यवस्था की व्यवहार्यता पर अध्ययन करवाया। आर.एस. पुरम और रेस कोर्स क्षेत्रों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था। आशा थी कि कोयंबटूर भी चेन्नई की तरह औपचारिक पार्किंग नीति अपनाएगा।

18 नवंबर 2022 को अधिकारियों, पुलिस, विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बड़ी बैठक हुई और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे 2023 के बजट में शामिल किया जाना था। लेकिन इसके बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

इस बीच स्थिति और बिगड़ गई। दोपहिया और कारें लगातार फुटपाथ पर खड़ी की जाती हैं, जिससे पैदल यात्री मजबूरी में सड़क पर उतरते हैं और जाम बढ़ जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता एम. राजेंद्रन का कहना है, “हम सालों से मांग कर रहे हैं कि निगम ठीक से पार्किंग स्थान चिन्हित करें और नियम लागू करें। फुटपाथ लोगों के लिए होते हैं, गाड़ियों के लिए नहीं।”

आलोचना के बाद नगर निगम आयुक्त एम. शिवगुरु प्रभाकरण ने कहा कि योजना को फिर से शुरू किया गया है और पहले चरण में आर.एस. पुरम को चुना गया है। यहां नौ सड़कों को पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया है, जिनमें भुगतान वाली पार्किंग और नो-पार्किंग क्षेत्र शामिल हैं। इस योजना को डी.बी. रोड पर बने मल्टी लेवल कार पार्किंग से भी जोड़ा जाएगा।

आयुक्त के अनुसार, आईटीडीपी का नया अध्ययन यह देखेगा कि सड़क पर कितनी गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं, कार और दोपहिया के लिए अलग जगह कहां बनेगी, व्यस्त समय में कितनी जगह चाहिए और पार्किंग शुल्क कितना हो सकता है। उन्होंने माना कि लोग भुगतान वाली पार्किंग का विरोध कर सकते हैं, लेकिन उनकी चिंताओं का समाधान करने के बाद ही नीति लागू होगी।

फिर भी लोग संदेह में हैं। पहले भी डी.बी. रोड पर भुगतान वाली पार्किंग योजना विरोध के कारण बंद करनी पड़ी थी। निगम भी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सावधानी बरत रहा है।

अब जब ट्रैफिक जाम बढ़ता जा रहा है और पैदल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है, तब लोग चेतावनी दे रहे हैं कि अगर देरी और हुई तो कोयंबटूर की पार्किंग समस्या गंभीर संकट में बदल सकती है। शहर के लिए अब ठोस नीति बनाना बहुत जरूरी और देर से ही सही, अनिवार्य है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। नगर निगम को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और तत्काल ठोस नीति बनानी होगी। यह समय की मांग है कि हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

कोयंबटूर में जाम की समस्या क्यों बढ़ रही है?
जाम की समस्या बढ़ने का मुख्य कारण पार्किंग नीति का अभाव है, जिससे गाड़ियां फुटपाथ पर खड़ी हो रही हैं।
नगर निगम ने पार्किंग नीति कब लागू करने का वादा किया था?
नगर निगम ने पार्किंग नीति बनाने का वादा दो साल पहले किया था, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।
कोयंबटूर में पार्किंग नीति का अध्ययन कब किया गया था?
2022 में आईटीडीपी से सड़क किनारे पार्किंग व्यवस्था की व्यवहार्यता पर अध्ययन किया गया।
क्या लोग भुगतान वाली पार्किंग का विरोध कर रहे हैं?
हां, कई लोग भुगतान वाली पार्किंग का विरोध कर रहे हैं, लेकिन निगम का कहना है कि उनकी चिंताओं का समाधान करने के बाद ही नीति लागू होगी।
क्या नगर निगम ने कोई कदम उठाए हैं?
हाँ, नगर निगम ने आर.एस. पुरम में पार्किंग योजना को फिर से शुरू किया है और नौ सड़कों को चिन्हित किया है।