क्या कांग्रेस हार के डर से 'वोट चोरी' का आरोप लगा रही है?: मदन राठौर

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर 'वोट चोरी' का आरोप
- सोनिया गांधी का विवादित नागरिकता मामला
- मतदाता सूचियों का नवीनीकरण
- तिरंगा यात्रा का महत्व
- देशभक्ति को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम
चित्तौड़गढ़, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस पर 'वोट चोरी' के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' का आरंभ स्वयं सोनिया गांधी ने किया था।
मदन राठौर ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी 1983 में भारत की नागरिकता ग्रहण करने के बावजूद 1980 में ही मतदाता बन गई थीं। जब विपक्षी दल कांग्रेस चुनाव हारते हैं, तो 'वोट चोरी' का आरोप लगाते हैं, जबकि इसकी शुरुआत 1980 में कांग्रेस ने ही की थी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत जैसे नेताओं ने भी जीत के लिए वोट चोरी का सहारा लिया है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों का नवीनीकरण नियमित रूप से किया जा रहा है, जिसमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों के नाम जोड़े जाने की शिकायतें आई हैं। ऐसे नाम हटाने की प्रक्रिया जारी है, और इसी का असर कांग्रेस नेताओं के बयानों में साफ दिखाई दे रहा है। देश में शासन का निर्णय कोई बाहरी नहीं, बल्कि इस देश का नागरिक करेगा।
उन्होंने कहा कि मैं तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका दिवस के संदर्भ में आमजन को आह्वान करने आया हूं। 15 अगस्त 1947 के बाद से स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसे केवल सरकारी कार्यक्रम न बनाकर आमजन की भागीदारी से जीवंत किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप 'घर-घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति के भीतर देशभक्ति की भावना प्रबल हो सके। मैं आमजन से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने की अपील करता हूं।
उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका दिवस जैसे आयोजन देश के इतिहास और बलिदानों को याद रखने का अवसर प्रस्तुत करते हैं। यह अभियान न केवल देशभक्ति को बढ़ावा देता है, बल्कि युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में भी सहायक है।