क्या कांग्रेस ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए सहायता की मांग को लेकर प्रदर्शन किया?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए तुरंत राहत की मांग की।
- राज्य सरकार से आर्द्र सूखा घोषित करने की अपील की गई।
- किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता दी जानी चाहिए।
- कर्ज माफी और बिजली बिल माफी की आवश्यकता है।
- राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन हुए।
मुंबई, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में एक प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए तात्कालिक राहत की मांग की। पार्टी ने राज्य सरकार से ‘आर्द्र सूखा’ घोषित करने, प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता देने, कर्ज माफ करने, बकाया बिजली बिल माफ करने और बह गई कृषि भूमि के लिए अतिरिक्त मुआवजा देने की मांग की।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार केवल बयानबाजी में लगी हुई है, जबकि किसानों को अब तक किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली है।
छत्रपति संभाजीनगर में जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटियों की ओर से जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर सांसद डॉ. कल्याण काले, जिला अध्यक्ष किरण पाटिल डोनगवकर, शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ, पूर्व विधायक नामदेवराव पवार और प्रदेश सेवा दल अध्यक्ष विलास अउताडे सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धनोरकर के नेतृत्व में वारोरा में किसानों और आम जनता की मांगों को लेकर नागपुर-चंद्रपुर हाईवे पर चक्का जाम आंदोलन किया गया। इस दौरान किसानों ने चंद्रपुर जिले के सोयाबीन किसानों के लिए विशेष पैकेज, कपास किसानों को प्रति हेक्टेयर 1 लाख रुपये और सोयाबीन किसानों को प्रति हेक्टेयर 2.5 लाख रुपये मुआवजे की मांग उठाई।
चंद्रपुर शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रितेश तिवारी, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, किसान और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक इस आंदोलन में शामिल हुए।
इसके अलावा, अकोला, अमरावती, बुलढाणा, नागपुर ग्रामीण, जालना, लातूर, वर्धा, रत्नागिरी सहित राज्य के विभिन्न जिलों और तालुकों में भी विरोध प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शनकारियों ने “किसान विरोधी भाजपा महायुति सरकार” के खिलाफ नारेबाज़ी की और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे।