क्या कांग्रेस माताओं और बहनों के सम्मान का आदर करती है: राकेश सिन्हा?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- राजनीतिक नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करें।
- हिजाब प्रकरण ने महिला अधिकारों की बहस को उजागर किया है।
- सभी समुदायों के त्योहारों को समानता के साथ मनाया जाना चाहिए।
- कांग्रेस पार्टी महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
रांची, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विपक्ष ने बिहार में 'हिजाब प्रकरण' का उदाहरण देकर देश में महिला सम्मान, कार्यस्थल की गरिमा और संवैधानिक मूल्यों पर चर्चा शुरू कर दी है। इस मुद्दे पर चर्चा में आने वाली महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने नौकरी का प्रस्ताव देकर एक नया मोड़ दिया है।
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने महिलाओं की गरिमा और सम्मान को लेकर पार्टी की सोच स्पष्ट की है।
रांची में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "हमारा मानना है कि महिलाओं का अनादर करना और उनकी गरिमा का उल्लंघन करना भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगियों की प्रवृत्ति है। ऐसा व्यवहार उनके लिए स्वाभाविक हो गया है, क्योंकि नीतीश कुमार के गठबंधन के नेताओं ने हमेशा ऐसा ही किया है। हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने महिलाओं को नौकरी का ऑफर दिया है। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में उनकी गरिमा को सम्मानित किया जाएगा और हम उन्हें रोजगार भी देंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने नौकरी का प्रस्ताव दिया है, तो यह प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जाएगी। राहुल गांधी ने कहा है कि हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे, तो यह उसी के तहत है।
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के क्रिसमस पर दिए बयान पर राकेश सिन्हा ने कहा कि इस देश में क्रिसमस सदियों से मनाया जा रहा है। यह सद्भाव और एकता का त्योहार है, प्यार और सद्भाव का उत्सव है। इस देश का धर्मनिरपेक्ष स्वभाव ही इसकी ताकत है, क्योंकि सभी समुदाय और धर्म के लोग अपने-अपने त्योहार को आजादी से मनाते हैं।
पीएम मोदी के घुसपैठियों को लेकर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को आंकड़े नहीं पता हैं। यूपीए सरकार में 95 हजार लोगों की पहचान की गई थी और उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया था। 12 साल से देश में उनकी सरकार है, उन्हें बताना चाहिए कि कितने घुसपैठियों को बाहर निकाला गया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कि भाजपा और संघ की तुलना नहीं की जा सकती, राकेश सिन्हा ने कहा कि संघ और भाजपा के बीच गहरा संबंध है। दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। इस प्रकार का बयान इसलिए आया है क्योंकि संघ भाजपा के अहंकार से नाराज है। संघ के दबाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन होता था। संघ के हाथों में भाजपा की बागडोर रहती थी, लेकिन पहली बार संघ को दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि संघ से विमर्श किए बिना नितिन नबीन को भाजपा का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।