क्या कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक महागठबंधन में 'प्रेशर पॉलिटिक्स' है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में प्रमुख नेताओं की उपस्थिति।
- भाजपा की प्रतिक्रिया: महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स का आरोप।
- उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का बयान: जनता जानती है इनका असली चेहरा।
- कांग्रेस और राजद पर आरोप: बिहार को बर्बाद करने का काम।
पटना, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के लगभग सभी प्रमुख नेता पटना आए। इस दौरान, भाजपा ने इस बैठक को महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा मानते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक वास्तव में अपने गठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स और चुनावी लाभ उठाने का एक प्रयास है। बिहार की जनता इन लोगों के चेहरे को पहले से जानती है।
उन्होंने आगे कहा कि यह गठबंधन केवल स्वार्थ का गठबंधन है, इस बात को समझने की आवश्यकता है। चाहे ये लोग कितनी भी नौटंकी करें, लेकिन बिहार की जनता इन्हें कोई अवसर देने वाली नहीं है।
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि कई दशकों तक बिहार की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस और राजद ने मिलकर बिहार का नाम खराब किया है और यहां के लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया है। अब चुनाव के समय बिहार में बैठक आयोजित कर बिहार के सम्मान का नाटक कर रहे हैं।
विजय सिन्हा ने कहा कि यह समूह बिहार के हितैषी नहीं है। ये लोग हमेशा बिहार को बर्बाद करने वाले रहे हैं। जो बिहार के लिए अपशब्द कहता है, उसे ये सम्मानित करने वाले हैं।
इसी बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव बिहार में होने वाले हैं, इसलिए उन्हें यहाँ बैठक का विचार आया है। हालांकि, इस बैठक को लेकर उनके ही गठबंधन के दलों में चिंता है कि यह बैठक यहाँ क्यों हो रही है और इसका क्या उद्देश्य है?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह बैठक गठबंधन में अपनी प्रमुखता दिखाने का प्रयास है, जबकि भाजपा को इन बैठकों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि भाजपा अपना काम कर रही है।