क्या कांग्रेसी संस्कृति ने भारत में 90 बार सरकारें गिराई हैं? नैनार नागेंद्रन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर गंभीर आरोप
- भाजपा का चुनावी रणनीति
- तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति
- गठबंधन की मजबूती
- जनता की राय का महत्व
चेन्नई/दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "कांग्रेसी संस्कृति ने भारत में 90 बार सरकारें गिराई हैं। हमारी पार्टी की संस्कृति ऐसी नहीं है। कांग्रेस दोस्ती करती है, लेकिन बाद में विश्वासघात कर देती है।"
नागेंद्रन ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ओपीएस (एडप्पादी पलानीस्वामी) से फोन पर बात की और दोनों के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं। इसके साथ ही, वे दिल्ली जा रहे हैं, जहां सी.पी. राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। इस समारोह में शामिल होने के लिए वे उत्साहित हैं।
तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के सवाल पर नागेंद्रन ने कहा, "हम शपथ ग्रहण के लिए जा रहे हैं, लेकिन राज्य की राजनीति पर बाद में विचार करेंगे।"
उन्होंने टीटीवी दिनाकरन के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि एडप्पादी पलानीस्वामी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, तो गठबंधन चुनाव नहीं जीतेगा।
नागेंद्रन ने कहा, "गठबंधन छोड़ने से पहले टीटीवी सर ने वादा किया था कि वे गृह मंत्री द्वारा चुने गए किसी भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार को स्वीकार करेंगे और उनके लिए प्रचार करेंगे। लेकिन, अब उन्होंने गठबंधन छोड़ दिया और यह बयान दिया। यह उनका निर्णय है, हमें या आपको इस पर टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं। चुनाव में अभी आठ महीने बाकी हैं।"
नागेंद्रन ने ज़ोर देकर कहा कि पिछले साढ़े चार साल की समस्याओं का निर्णय जनता करेगी, न कि किसी एक व्यक्ति का। उन्होंने 2001 के चुनाव का उदाहरण दिया, जब करुणानिधि ने बड़ा गठबंधन बनाया। लेकिन, जयललिता जीत गईं, भले ही मीडिया उनका समर्थन नहीं करता था।
उन्होंने दावा किया कि 2001 जैसी स्थिति फिर बन सकती है। डीएमके गठबंधन की मजबूती पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "गठबंधन के कुछ लोग कैबिनेट में स्थान चाहते हैं। लोगों की सोच बदली है और यही बदलाव सरकार लाएगा।"
नागेंद्रन ने मौजूदा हालात पर तंज कसते हुए कहा, "पिछले साढ़े चार साल में मुख्यमंत्री स्टालिन कहां थे? अब स्कूलों की छुट्टियां कराकर जनता के बीच आ रहे हैं। मुख्य सचिव को सभी को काम पर बुलाना पड़ रहा है, जो स्थिति की गंभीरता दिखाता है।"
उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा और अन्नाद्रमुक जैसी बड़ी पार्टियां मिलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत चुनाव लड़ेंगी और सत्ता में आएंगी। ओपीएस और टीटीवी के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और तमिलनाडु की जनता ने सरकार बदलने का मन बना लिया है।