क्या हरमीत सिंह पठानमाजरा मामले में अदालत का फैसला 11 साथियों को जमानत दिलाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- हरमीत सिंह पठानमाजरा मामले में अदालती फैसले ने 11 साथियों को जमानत दी।
- पुलिस के पास ठोस सबूत नहीं थे, इसीलिए जमानत दी गई।
- पठानमाजरा अभी भी फरार हैं, जांच अधूरी मानी जाएगी।
- इस मामले ने राजनीतिक चर्चाएं तेज कर दी हैं।
- न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास बना हुआ है।
पटियाला, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा मामले में लगातार नए मोड़ आ रहे हैं। हाल ही में करनाल क्षेत्र में हरमीत सिंह को शरण देने और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनके 11 साथियों को गिरफ्तार किया।
इसके बाद, पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां उन्हें पांच दिन की रिमांड मिली। रिमांड समाप्त होने पर, कोर्ट ने गुरुवार को सभी आरोपियों को जमानत दे दी।
पठानमाजरा के वकील सिमरनजीत सिंह सग्गू ने मीडिया से कहा कि रिमांड के दौरान पुलिस ने लंबी पूछताछ की, लेकिन किसी भी प्रकार का हथियार या अन्य आपराधिक सामग्री बरामद नहीं हुई। पुलिस किसी अन्य आपराधिक तत्व की पुष्टि करने में भी असफल रही। इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने सभी 11 साथियों को जमानत देने का निर्णय लिया।
वकील सग्गू ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस यह दावा कर रही थी कि पूछताछ से कई अहम खुलासे होंगे, लेकिन वास्तविकता में कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया। इस वजह से अदालत ने माना कि आरोपियों को हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है, और उन्हें राहत दी जानी चाहिए।
अदालत से जमानत मिलने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली और न्यायपालिका पर भरोसा जताया। दूसरी ओर, पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी लंबी जांच के बावजूद पुलिस ठोस सबूत क्यों नहीं जुटा पाई।
राजनीतिक हलकों में भी इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां एक ओर हरमीत सिंह पठानमाजरा अभी भी फरार हैं, वहीं उनके साथियों की जमानत ने मामले को नया मोड़ दे दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब पुलिस को पठानमाजरा की गिरफ्तारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी के बिना जांच अधूरी मानी जाएगी।