क्या सीपी राधाकृष्णन को टीडीपी का समर्थन मिला? सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने दी बधाई

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया।
- एन चंद्रबाबू नायडू ने उनका समर्थन किया।
- तमिलनाडु भाजपा ने भी बधाई दी।
- राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बहुत लंबा और समृद्ध रहा है।
- यह नामांकन भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
अमरावती, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति के एनडीए के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है। इस अवसर पर विभिन्न नेताओं द्वारा राधाकृष्णन को बधाई दी जा रही है। इसी संदर्भ में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी उन्हें समर्थन देने की घोषणा की।
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सीपी राधाकृष्णन को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किए जाने पर बधाई। उन्होंने एक वरिष्ठ और सम्मानित नेता के रूप में राधाकृष्णन की लंबे समय तक देश की सेवा के प्रति आभार व्यक्त किया और तेलुगु देशम पार्टी की ओर से उनके नामांकन का स्वागत किया।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी सीपी राधाकृष्णन के नाम का समर्थन किया, और सोशल मीडिया पर लिखा कि उपराष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को उनका पूरा समर्थन प्राप्त है।
तमिलनाडु भाजपा ने भी राधाकृष्णन को बधाई दी है, जो कि एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन उनके लिए गर्व की बात है।
गौरतलब है कि चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन को 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1996 में वह भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने और 1998 एवं 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए।
वह 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2020 से 2022 तक भाजपा केरल के अखिल भारतीय प्रभारी रहे।