क्या दिग्गज कांग्रेस नेता ददई दुबे के निधन से झारखंड में शोक का माहौल है?

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क्या दिग्गज कांग्रेस नेता ददई दुबे के निधन से झारखंड में शोक का माहौल है?

सारांश

दिग्गज कांग्रेस नेता ददई दुबे के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उनकी राजनीतिक यात्रा और योगदान को याद किया जा रहा है। जानिए इस दुखद घटना के बारे में और क्या कहा राहुल गांधी ने उनके बारे में।

Key Takeaways

  • ददई दुबे का निधन झारखंड के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
  • ददई दुबे का राजनीतिक करियर 1970 में शुरू हुआ।
  • वे मजदूरों के अधिकारों के लिए सक्रिय रहे।
  • उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में होगा।

रांची, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सांसद, विधायक और बिहार-झारखंड की सरकारों में मंत्री रहे कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेता चंद्रशेखर दुबे, जिन्हें ददई दुबे के नाम से जाना जाता है, के निधन पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर सहित कई प्रमुख नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

स्व. दुबे का पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिल्ली से रांची पहुंचा, जहाँ झारखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्हें बूटी मोड़ स्थित उनके निवास पर ले जाया गया, जहाँ आम और खास लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके आवास पर पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहते हुए ददई दुबे ने लोगों के हक-अधिकार के लिए हमेशा आवाज उठाई। उनका निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि देने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “स्व. चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवारजनों को दुःख की यह घड़ी सहन करने की शक्ति दें।”

राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व सांसद, झारखंड सरकार में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चंद्रशेखर दुबे के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “ददई दुबे के नाम से लोकप्रिय, चंद्रशेखर जी मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। एक संवेदनशील नेता के रूप में उन्होंने वंचितों और कमजोरों के हक की आवाज हमेशा बुलंद की। उन्हें नमन करते हुए इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार और समर्थकों को अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी ददई दुबे के आवास पर जाकर उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 'ददई दुबे' के नाम से लोकप्रिय चंद्रशेखर दुबे ने मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मजदूरों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी। वह एक जुझारू, संवेदनशील और कर्मठ नेता थे, जिन्होंने हमेशा जन सरोकारों को प्राथमिकता दी।

ददई दुबे (82) पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उनका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा था, जहाँ उन्होंने गुरुवार रात अंतिम सांस ली। वर्ष 1970 में पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड में ग्राम पंचायत के मुखिया के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले दुबे विश्रामपुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक और धनबाद लोकसभा सीट से एक बार सांसद रह चुके थे। वह साल 2000 में बिहार में राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे थे। इसके बाद वर्ष 2013 में झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में भी उन्होंने मंत्री पद का दायित्व निभाया था। वह ट्रेड यूनियन संगठन इंटक के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे और एक प्रभावशाली मजदूर नेता के रूप में उनकी पहचान रही थी।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर विश्रामपुर स्थित पैतृक गांव ले जाया जाएगा। यहाँ आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी राजनीति में आवाज़ और संवेदनशीलता महत्वपूर्ण रही है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

ददई दुबे का राजनीतिक करियर कब शुरू हुआ?
ददई दुबे का राजनीतिक करियर 1970 में पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड में ग्राम पंचायत के मुखिया के तौर पर शुरू हुआ था।
ददई दुबे किस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे?
ददई दुबे मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
ददई दुबे का निधन कब हुआ?
ददई दुबे का निधन गुरुवार रात को हुआ।
उनका अंतिम संस्कार कहाँ होगा?
उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ददई दुबे के बारे में क्या कहा?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनका निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।