क्या दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती होगी? आरबीआई गवर्नर का बयान

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क्या दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती होगी? आरबीआई गवर्नर का बयान

सारांश

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिसंबर में संभावित रेपो रेट कटौती के बारे में संकेत दिए हैं। क्या यह विकास को बढ़ाने में मदद करेगा? जानें इस महत्वपूर्ण घोषणा के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • दिसंबर में रेपो रेट में कटौती की संभावना है।
  • महंगाई में कमी के चलते यह कदम उठाया जा सकता है।
  • आरबीआई विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

मुंबई, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को जानकारी दी कि अनुकूल आर्थिक संकेतकों के चलते दिसंबर में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कटौती की संभावना है। इससे विकास को नई गति मिलेगी।

मल्होत्रा ने अक्टूबर में हुई मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के बाद कहा था कि महंगाई में कमी के चलते ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनी हुई है और अब केंद्रीय बैंक विकास को गति देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है।

जी बिजनेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "अक्टूबर में मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) ने संकेत दिया था कि ब्याज दरों में एक और कटौती की आवश्यकता हो सकती है। अभी तक आए डेटा ने इस स्थिति को नहीं बदला है। हालांकि, ब्याज दरों में कटौती का अंतिम निर्णय दिसंबर में होने वाली एमपीसी बैठक में लिया जाएगा।"

आरबीआई की एमपीसी बैठक 3-5 दिसंबर के बीच होगी। इसके निर्णयों की घोषणा आरबीआई गवर्नर द्वारा बैठक के अंतिम दिन की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक के दो मुख्य दायित्व हैं। पहला है मूल्य स्थिरता बनाए रखना और दूसरा विकास की गति को बनाए रखना।

मल्होत्रा ने कहा, "हम विकास के मामले में न तो आक्रामक हैं और न ही रक्षात्मक।"

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए अगस्त और अक्टूबर में हुई पिछली दो एमपीसी बैठकों में रेपो दर को अपरिवर्तित रखा था।

2025 में आरबीआई ने फरवरी (0.25 प्रतिशत), अप्रैल (0.25 प्रतिशत) और जून (0.50 प्रतिशत) में ब्याज दरों में कटौती की, जिससे रेपो रेट 5.5 प्रतिशत हो गया, जो कि इस साल की शुरुआत में 6.5 प्रतिशत था।

Point of View

जो आर्थिक स्थिरता और विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह कदम विकास को गति देने में सहायक हो सकता है।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों को कर्ज देता है।
ब्याज दरों में कटौती का क्या असर होता है?
ब्याज दरों में कटौती से लोन सस्ता होता है, जो उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए फायदेमंद होता है।
क्या यह विकास दर को प्रभावित करेगा?
हां, ब्याज दरों में कटौती से निवेश बढ़ सकता है, जिससे विकास दर में सुधार हो सकता है।
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