क्या दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए मोहसिन के बच्चों ने सरकार से मदद मांगी?
सारांश
Key Takeaways
- मोहसिन का परिवार अब अकेला है।
- सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
- पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा मिलना चाहिए।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट 10 नवंबर को हुए कार विस्फोट ने मोहसिन की जान ले ली। वह अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। बच्चे अपने पिता की याद में आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार से अपील की है कि इस घटना के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में, मोहसिन के बच्चों ने कहा कि पिता के चले जाने के बाद हम अकेले पड़ गए हैं। सरकार को हमारे भविष्य के बारे में सोचने की जरूरत है।
मोहसिन के भाई नदीम ने बताया कि मेरा बड़ा भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा। वह लगभग 35-36 वर्ष
नदीम ने कहा कि विस्फोट के बाद उसने भाई को घंटों तक खोजा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उनका नाम पीड़ितों की प्रारंभिक सूची में भी नहीं था। वह ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनके दो बच्चे हैं और वे किराए के मकान में रहते थे, लेकिन हमें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली।
उन्होंने बताया कि मोहसिन का पूरा शरीर जल गया था, केवल उनका चेहरा ही पहचाना जा सका, जिससे हम शव की पहचान कर पाए।
मोहसिन के बहनोई ने कहा कि जब मुझे विस्फोट की जानकारी मिली, तब मैं अहमदाबाद में था। आज सुबह लगभग 5 बजे मुझे बताया गया कि पोस्टमार्टम पूरा हो गया है। मोहसिन के बच्चे बहुत छोटे हैं और परिवार दिल्ली में किराए पर रह रहा था। सरकार ने घोषणाएं की हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। हम चाहते हैं कि सरकार मोहसिन के परिवार का ध्यान रखे और मुआवजे की राशि प्रदान करे।
मोहसिन की भाभी ने कहा कि इतनी गंभीर घटना घटित हुई है। हमारे परिवार ने एक सदस्य को खो दिया है। उन्होंने कहा कि जब घटना हुई, तब ट्रैफिक जाम था। इस घटना में शामिल दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और मोहसिन के परिवार को भी न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिले।