क्या एमसीडी उपचुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होगी?
सारांश
Key Takeaways
- 3 दिसंबर
- 51 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
- मतगणना के लिए 10 केंद्र बनाए गए हैं।
- भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
- नतीजे दोपहर तक आने की संभावना है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में हुए उपचुनावों की मतगणना 3 दिसंबर, बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न होगी। इस मतगणना में 51 उम्मीदवारों के भविष्य का निर्णय होगा।
इन उम्मीदवारों का भाग्य 30 नवंबर को ईवीएम में बंद हो चुका था। यह जानकारी मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी ने दी।
राज्य चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के लिए 10 सेंटर स्थापित किए हैं। अधिकारी ने कहा कि नतीजे दोपहर तक घोषित होने की संभावना है।
एसईसी ने एक बयान में कहा कि पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए, सभी काउंटिंग सेंटरों को आवश्यक बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और निगरानी तंत्र से लैस किया गया है।
आयोग ने कहा कि कमीशन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), सामान्य पर्यवेक्षकों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गणना की व्यवस्था पारदर्शिता और कुशलता के उच्चतम मानकों का पालन करे।
एसईसी ने कहा कि कंझावला, पीतमपुरा, भारत नगर, सिविल लाइंस, राउज एवेन्यू, द्वारका, नजफगढ़, गोल मार्केट, पुष्प विहार और मंडावली समेत जिलों में कुल 10 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
इसमें कहा गया कि प्रत्येक केंद्र विशिष्ट वार्डों की काउंटिंग करेगा, जिसमें स्ट्रांग रूम की सुविधा और सुरक्षित प्रवेश-निकास प्रोटोकॉल होंगे।
इन उपचुनावों को विश्लेषकों द्वारा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली भाजपा की दिल्ली सरकार के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है। इससे नगर निगम सदन में पार्टी की स्थिति में भी काफी बदलाव आ सकता है।
दिसंबर 2022 में नगर निगम चुनाव 250 सीटों पर हुए थे। पार्टी की स्थिति में कई बदलावों के बाद मौजूदा एमसीडी सदन में भाजपा के 115 पार्षद हैं। भाजपा उपचुनावों में 12-0 से जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है ताकि 250 सदस्यीय नगर निगम सदन में 125 के पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक पहुंच सके।
भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कद बढ़ने की उम्मीद है। उनकी ई-बस, स्वास्थ्य और बीमा कल्याणकारी योजनाओं और छठ व्रतियों के लिए व्यवस्थाओं के लिए सकारात्मक सार्वजनिक रिपोर्ट कार्ड पेश होने की उम्मीद है।
उपचुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी बहुत जरूरी हैं, क्योंकि अभी उसके 99 पार्षद हैं और वह इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता सौंपने के बाद शहर की राजनीति में खोई हुई जमीन वापस पाना चाहती है।