क्या मैक्स अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी के बाद पुलिस का सर्च ऑपरेशन सफल रहेगा?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में अस्पतालों को भी बम धमकियां मिल रही हैं।
- मैक्स अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
- पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
- धमकी का स्रोत जांच की जा रही है।
- पिछले कुछ महीनों में कई धमकियां फर्जी
नई दिल्ली, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में अब स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ अस्पतालों को भी बम की धमकियां मिल रही हैं। हालिया मामला मैक्स हॉस्पिटल का है, जहां शनिवार शाम शालीमार बाग इकाई समेत द्वारका और साकेत स्थित तीनों मैक्स अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी प्राप्त हुई है।
धमकी भरे ईमेल के मिलने के तुरंत बाद अस्पतालों में हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस, बम डिस्पोजल स्क्वायड और फायर सर्विस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। वर्तमान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है।
मैक्स हॉस्पिटल के सेंटर ऑफिस को मिले ईमेल में स्पष्ट धमकी दी गई थी कि अस्पताल को बम से उड़ा दिया जाएगा। जैसे ही यह खबर फैली, शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में मरीजों और स्टाफ में दहशत की लहर दौड़ गई। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत अलर्ट जारी किया और परिसर को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। दिल्ली फायर सर्विस को सबसे पहले द्वारका मैक्स हॉस्पिटल को धमकी की सूचना शाम ४.४७ बजे मिली, उसके बाद शालीमार बाग और साकेत इकाइयों में भी अलर्ट बजा। पुलिस ने पूरे परिसर की छानबीन शुरू कर दी।
इससे पहले दिल्ली में कई स्कूलों, कॉलेजों और हाईकोर्ट को इसी तरह की धमकियां मिल चुकी हैं, जो ज्यादातर फर्जी साबित हुईं। पुलिस का मानना है कि यह भी कोई सनसनी फैलाने का प्रयास हो सकता है, लेकिन किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।
पुलिस ने बताया कि धमकी भरे ईमेल के आईपी एड्रेस और स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर सेल सक्रिय है। जांच में जुटी टीमें ईमेल के ट्रेल का फॉरेंसिक विश्लेषण कर रही हैं। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया और ओपीडी सेवाओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया।
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने सभी अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में २० से अधिक बम धमकी के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश फर्जी पाए गए हैं।