क्या बिहार दिवस समारोह ने दिल्ली में निवेशकों के लिए नए अवसर खोले?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार दिवस समारोह ने निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान किए।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिहार की लोक कला का प्रदर्शन किया गया।
- बिहार सरकार की नई औद्योगिक नीति 2025 निवेश के लिए आकर्षक है।
- बिहार पवेलियन में विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्रदर्शित किए गए।
- बिहार में निवेश करने के लिए विशेष छूटें दी जा रही हैं।
नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिहार सरकार के उद्योग विभाग एवं बिहार सूचना केंद्र, दिल्ली द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
बिहार दिवस समारोह के तहत, भारत मंडपम के एम्फीथिएटर में एक अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार से आए लोक कलाकारों ने अपनी गीत-संगीत एवं मनमोहक नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। प्रेस वार्ता का संचालन बिहार सूचना केंद्र, दिल्ली ने किया। इस अवसर पर बिहार पवेलियन के निदेशक संजय कुमार सिंह सहित उद्योग विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे।
कुंदन कुमार ने बताया कि 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में बिहार पवेलियन को इस बार के आईआईटीएफ 2025 के थीम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के अनुरूप सजाते हुए बिहार के योगदान को विशेष रूप से दर्शाया गया है। बिहार पवेलियन को बिहार के लोक कलाकारों ने अपने हाथों से सजाया है, जो इसे खास बनाता है एवं लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस वर्ष बिहार मंडप के मुख्य द्वार को सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में प्रस्तावित सीतामाता के मंदिर का प्रारूप दिया गया है।
कुंदन कुमार ने निवेशकों को बिहार में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार सरकार की नई औद्योगिक निवेश नीति 2025 भारत की सर्वश्रेष्ठ निवेश नीति है। उन्होंने कहा कि बिहार उद्योग एवं शहरी विकास में जल्द ही अग्रणी राज्य बनेगा।
बिहार पवेलियन में हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, बिहार खादी बोर्ड, जीविका, और पर्यटन विभाग के 65 स्टॉल हैं, जिनमें बिहार के सुप्रसिद्ध उत्पादों के स्टॉल भी शामिल हैं। इसके अलावा, पवेलियन के केंद्रीय कक्ष में बिहार संग्रहालय की प्रदर्शनी एवं केंद्रीय हॉल में लोक कलाकारों द्वारा गायन भी दर्शकों को आकर्षित कर रहा है।