क्या उद्योग हितैषी फैसलों से दिल्ली में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को नई गति मिली? : सीएम रेखा गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
- लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है।
- ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना से व्यापारियों को सरकार से सीधे संवाद का अवसर मिला है।
- ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों के लिए अनुमोदन अवधि को 20 दिन किया गया है।
- माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (व्यापार में सुगमता) को और अधिक मजबूत बनाने के लिए लगातार व्यावहारिक और उद्योग-हितैषी निर्णय कर रही है, जिससे उद्यमों को नई गति मिले और रोजगार सृजन में वृद्धि हो। उन्होंने बताया कि उनकी 10 महीने की सरकार ने उद्योग जगत से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लागू किए हैं, जैसे कि लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं का सरलीकरण, सिंगल विंडो सिस्टम इत्यादि।
मुख्यमंत्री ने यह जानकारी रविवार को फ्रेंड्स कॉलोनी इंडस्ट्रियल एरिया के शताब्दी वर्ष समारोह में दी और उद्योग जगत की संघर्ष, परिश्रम और उद्यमशीलता की यात्रा को शुभकामनाएं दीं।
सीएम रेखा गुप्ता ने उद्योग जगत को भारत के विकास की नींव का पत्थर बताया, और कहा कि किसी उद्योग का संचालन करना सिर्फ व्यापार स्थापित करना नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और लाखों परिवारों को रोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी में उद्योग को बढ़ावा देने और स्थायित्व देने के लिए कई गंभीर प्रयास कर रही है। इसके लिए ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार व्यावहारिक और उद्योग हितैषी निर्णय ले रही है।
उन्होंने कहा कि उनके 10 महीने के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जैसे कि लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं का सरलीकरण और यह सुनिश्चित करना कि उद्योग जगत को सरकारी महकमों से कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, हर अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सरल बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि व्यापारियों के लिए दिल्ली में पहला ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से उद्योग और व्यापार जगत अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे सरकार तक पहुंचा सकेंगे।
उन्होंने जानकारी दी कि ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों के लिए अनुमोदन अवधि 120 दिन से घटाकर 20 दिन कर दी गई है और यदि 20 दिनों में अनुमति नहीं मिलती तो उसे सेल्फ परमिशन घोषित कर दिया जाएगा। माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए 10 करोड़ रुपए तक का कोलैटरल-फ्री लोन भी उपलब्ध कराया गया है। साथ ही जीएसटी विभाग को फेसलेस संचालन और रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 4 महीनों में दिल्ली के व्यापारियों को 915 करोड़ रुपए का जीएसटी रिफंड किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के सम्मान और सामाजिक सुरक्षा पर भी जोर दिया, और कहा कि श्रमिक उद्योग जगत का आधार हैं। उन्होंने नए श्रमिक कानूनों को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जो श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत से सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को अपने क्षेत्र और शहर की सफाई, पर्यावरण सुरक्षा और हरित पहल में योगदान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार पूरी मेहनत और समर्पण के साथ चौबीसों घंटे राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने के लिए कार्य कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्योगों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का निरीक्षण किया और प्रत्येक उद्योग द्वारा प्रदर्शित वस्तुओं और सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
इस विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक अनिल गोयल, संजय गोयल और उद्योग जगत के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।