क्या लाल किले पर सिख सरपंच के साथ दुर्व्यवहार हुआ? भाजपा नेता ने ज्वाइंट कमिश्नर से की शिकायत

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क्या लाल किले पर सिख सरपंच के साथ दुर्व्यवहार हुआ? भाजपा नेता ने ज्वाइंट कमिश्नर से की शिकायत

सारांश

दिल्ली में लाल किले पर एक सिख सरपंच के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना ने सिख समुदाय में आक्रोश पैदा किया है। भाजपा के प्रवक्ता ने ज्वाइंट कमिश्नर से मिलकर इस पर शिकायत दर्ज कराई। जानें इस घटना का पूरा विवरण।

Key Takeaways

  • लाल किला पर सिख सरपंच के साथ दुर्व्यवहार का मामला।
  • भाजपा प्रवक्ता ने ज्वाइंट कमिश्नर से की शिकायत।
  • सरपंच को श्री साहिब (कृपाण) लाने के कारण रोका गया।
  • ज्वाइंट कमिश्नर ने खेद व्यक्त किया और माफी मांगी।
  • सिख समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने सोमवार को दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर (सेंट्रल रेंज) मधुर वर्मा से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने लाल किले पर सिख सरपंच के साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई।

सरदार आरपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा से मुलाकात की और सरपंच गुरध्यान सिंह के साथ हुए दुर्व्यवहार पर एक ज्ञापन सौंपा। उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर श्री साहिब (कृपाण) पहनने से रोका गया, जो कि अनुच्छेद 25 के तहत संवैधानिक रूप से मान्य है। मधुर वर्मा ने खेद व्यक्त किया, माफी मांगी और कार्रवाई का आश्वासन दिया।"

जानकारी के अनुसार, पंजाब के नाभा के कलसाना गांव के सरपंच सरदार गुरध्यान सिंह के साथ लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान दुर्व्यवहार हुआ। इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने ज्वाइंट कमिश्नर (सेंट्रल रेंज) मधुर वर्मा से मुलाकात कर एसीपी शशिकांत गौड़ के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

एसीपी शशिकांत गौड़ ने सरपंच को 15 अगस्त को भारत सरकार द्वारा जारी वैध निमंत्रण (पत्र संख्या 499) के बावजूद समारोह में प्रवेश से रोक दिया था।

आरपी सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि सरपंच को सिर्फ इसलिए प्रवेश से वंचित किया गया क्योंकि वे श्री साहिब (कृपाण) को साथ लाए थे, जो सिख धर्म का पवित्र प्रतीक है और सिख पहचान का अभिन्न अंग है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षण प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत सिंह बनाम राजस्थान राज्य (2006) के मामले में स्पष्ट किया था। यह घटना सिख समुदाय का अपमान और दिल्ली पुलिस की कर्तव्य में लापरवाही का प्रतीक है।

इस मुलाकात के दौरान ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने सरपंच गुरध्यान सिंह से वीडियो कॉल पर बात की और घटना पर खेद व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने की पुष्टि की।

उन्होंने सरपंच को व्यक्तिगत मुलाकात के लिए भी आमंत्रित किया और सद्भावना व सम्मान का आश्वासन दिया।

आरपी सिंह ने दिल्ली पुलिस के नेतृत्व द्वारा इस जिम्मेदारी भरे रवैये का स्वागत किया। साथ ही जोर दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और सिख समुदाय के संवैधानिक व धार्मिक अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा के लिए कड़े निर्देश जारी किए जाने चाहिए।

Point of View

बल्कि यह दिल्ली पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा पर भी सवाल खड़ा करता है। इस प्रकार की घटनाएं हमारे समाज में असमानता और भेदभाव की ओर इशारा करती हैं, जिससे हम सभी को सावधान रहना चाहिए।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या सिख सरपंच को लाल किले में प्रवेश से रोका गया?
हाँ, सिख सरपंच को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में प्रवेश से रोका गया था।
भाजपा प्रवक्ता ने किससे शिकायत की?
भाजपा प्रवक्ता ने दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा से शिकायत की।
क्या ज्वाइंट कमिश्नर ने सरपंच से माफी मांगी?
हाँ, ज्वाइंट कमिश्नर ने सरपंच के साथ हुए दुर्व्यवहार पर खेद व्यक्त किया और माफी मांगी।
सरपंच को क्यों रोका गया था?
सरपंच को उनके साथ श्री साहिब (कृपाण) लाने के कारण रोका गया था।
इस मामले में क्या कार्रवाई की गई?
ज्वाइंट कमिश्नर ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने की पुष्टि की।