क्या दिल्ली के एलजी ने खतरनाक पदार्थों की बिक्री का रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए?
सारांश
Key Takeaways
- अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर निगरानी बढ़ेगी।
- सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- सेकंड-हैंड वाहनों के लिए नए नियम लागू होंगे।
- विदेश से पढ़ाई करने वालों की जानकारी साझा करना अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लाल किले के निकट हुए धमाके के पश्चात दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
उपराज्यपाल ने कहा है कि अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटक पदार्थों की खरीद-बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाए। इसके लिए सभी विक्रेताओं और खरीदारों का एक विस्तृत डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए, जिसमें उनकी फोटो, पहचान पत्र और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल हो।
सोशल मीडिया पर कट्टरपंथ और जिहादी विचारधारा फैलाने वाली सामग्री को रोकने के लिए मेटा, एक्स, यूट्यूब जैसी बड़ी कंपनियों के भारत प्रमुखों के साथ शीघ्र बैठक करने का निर्देश दिया गया है, ताकि वैज्ञानिक तरीके से ऐसी सामग्री की ट्रैकिंग और हटाने का एक प्रणाली विकसित की जा सके।
कट्टरपंथ से प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में मानव और तकनीकी खुफिया तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ मोहल्ला स्तर पर सामुदायिक पुलिसिंग और लोगों से सीधा संवाद बढ़ाने पर जोर दिया गया है। विदेश से मेडिकल या अन्य प्रोफेशनल डिग्री धारक लोगों की जानकारी पुलिस के साथ साझा करने को भी अनिवार्य किया गया है, ताकि उनका बैकग्राउंड सही से जांचा जा सके।
सबसे महत्वपूर्ण निर्देश सेकंड-हैंड वाहनों को लेकर हैं। उपराज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि ओएलएक्स और कार देखो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वित्त कंपनियों के साथ तुरंत बैठक कर कड़े नियम लागू किए जाने की आवश्यकता है। अब ऐसी किसी गाड़ी या ऑटो-रिक्शा को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं होगी, जिसका असली मालिक और रजिस्टर्ड मालिक अलग-अलग हों। दिल्ली में यह समस्या विशेष रूप से ऑटो-रिक्शा क्षेत्र में गंभीर है, जहां परमिट किसी और के नाम पर और गाड़ी कोई दूसरा चला रहा है।
एलजी सचिवालय ने बताया कि सभी निर्देश तुरंत प्रभावी होंगे और हर 15 दिन में इसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी जाएगी। अधिकारी मानते हैं कि ये कदम दिल्ली को पूरी तरह सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।