क्या दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो रहा है? एक्यूआई 500 के पार जाने को तैयार, स्वास्थ्य पर मंडराया गंभीर संकट

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क्या दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो रहा है? एक्यूआई 500 के पार जाने को तैयार, स्वास्थ्य पर मंडराया गंभीर संकट

सारांश

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्तर एक बार फिर से खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंचने को तैयार है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, खासकर सांस रोगियों की।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्थिति में है।
  • प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर सीधा है।
  • अस्पतालों में सांस की तकलीफ से मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
  • बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

नोएडा, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एक बार फिर से गंभीर प्रदूषण की चपेट में आ गया है। शनिवार की सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब से लेकर गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

स्थिति इस कदर चिंताजनक है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे एक "गैस चैंबर" में तब्दील होता जा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पास पहुंचने को तैयार है, जो कि सर्वाधिक प्रदूषण स्तर को दर्शाता है।

रिपोर्टों के अनुसार, एनसीआर के विभिन्न शहरों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता "गंभीर" श्रेणी में दर्ज की गई है। इसी प्रकार नोएडा के सेक्टर-116 में एक्यूआई 413 तक पहुँच गया है, जो कि "गंभीर" श्रेणी में आता है।

सेक्टर-125, सेक्टर-62 और सेक्टर-1 जैसे अन्य इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता "बहुत खराब" से "गंभीर" के बीच दर्ज की गई है। ग्रेटर नोएडा में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं, जहाँ नॉलेज पार्क-III और नॉलेज पार्क-V के इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है। राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्से भी इस जहरीली हवा से अछूते नहीं हैं।

आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार (424), आश्रम विहार (415), बवाना (441), चांदनी चौक (419) और वजीरपुर जैसे इलाकों में एक्यूआई "गंभीर" स्तर पर दर्ज किया गया है। पूसा, आर के पुरम, रोहिणी, शादीपुर और विवेक विहार जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता "बहुत खराब" श्रेणी में है।

यह स्थिति दर्शाती है कि पूरा शहर जहरीली हवा के घने आवरण में लिपटा हुआ है। इस गंभीर वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। "बहुत खराब" वायु गुणवत्ता लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है। वहीं, "गंभीर" श्रेणी की हवा स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित करती है और पहले से बीमार लोगों की सेहत पर इसका गंभीर असर पड़ता है।

इसका नतीजा यह है कि एनसीआर के अस्पतालों में सांस की तकलीफ, अस्थमा, एलर्जी और आंखों में जलन जैसी शिकायतों के साथ पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। डॉक्टर बुजुर्गों, बच्चों और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। हवा की रफ्तार धीमी रहने और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा होते जा रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो रही है।

Point of View

बल्कि यह मानव स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर हमें प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर इतना उच्च क्यों है?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर उच्च होने के कई कारण हैं, जैसे कि वाहन जनसंख्या में वृद्धि, औद्योगिक प्रदूषण और निर्माण कार्य।
एक्यूआई 500 का क्या मतलब है?
एक्यूआई 500 का मतलब है कि वायु गुणवत्ता बेहद खराब है और इससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनना, घर के अंदर रहना और एयर प्यूरिफायर का उपयोग करना महत्वपूर्ण हैं।
क्या यह स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है?
अगर प्रदूषण के कारणों को नहीं रोका गया तो यह स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है।
बच्चों और बुजुर्गों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहना चाहिए और यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो मास्क पहनना चाहिए।
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