क्या दिल्ली में 38.5 लाख की ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार हुआ?

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क्या दिल्ली में 38.5 लाख की ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार हुआ?

सारांश

दिल्ली में ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में, क्राइम ब्रांच ने 38.5 लाख रुपये ठगने वाले युवक जतिन को गिरफ्तार किया है। यह मामला वरिष्ठ नागरिकों के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है। क्या आप जानते हैं कि इस धोखाधड़ी के पीछे की कहानी क्या है?

Key Takeaways

  • ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • वरिष्ठ नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • साइबर अपराधों के खिलाफ सरकारी कदम आवश्यक हैं।
  • धोखाधड़ी के मामलों में प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग हो रहा है।
  • सामाजिक जागरूकता महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन शेयर बाजार धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी को पकड़ लिया है। आरोपी ने एक वरिष्ठ नागरिक से धोखाधड़ी करके 38.5 लाख रुपये ठगे हैं। गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान जतिन (25), पुत्र भूप सिंह, निवासी झज्जर, हरियाणा के रूप में हुई है।

इस मामले में ई-एफआईआर दर्ज की गई थी, जो भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 319 और 340 के तहत की गई थी।

शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप के माध्यम से नकली स्टॉक ट्रेडिंग एप्लिकेशन जैसे 'ब्लिंकएक्स', 'स्टैंडर्ड चार्टर्ड एलीट' और 'ब्लिंकएक्स मैक्स' डाउनलोड करने के लिए कहा गया। इसके बाद उन्हें नकली निवेश सलाह समूह में जोड़ा गया।

वहाँ उन्हें 'आईपीओ फंडिंग' और 'लाभ निकासी' जैसे झूठे वादों के साथ निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कई किस्तों में अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए। जब उन्होंने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो उन्हें गिरफ्तारी और मानहानि की झूठी धमकियां दी गईं। इसके बाद भी पैसे वसूले गए।

जांच में यह पाया गया कि 12 मई से 18 मई के बीच आरोपी जतिन के यस बैंक खाते में शिकायतकर्ता से 19.55 लाख रुपये जमा कराए गए थे। पहले झज्जर में दो बार छापेमारी की गई, लेकिन जतिन गिरफ्तारी से बच निकला। बाद में बहादुरगढ़, हरियाणा में उसकी मौजूदगी का पता चला। गुप्त निगरानी के बाद पुलिस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

जतिन अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेज और सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह ग्रेजुएट है और फिटनेस ट्रेनर के रूप में काम करता था। उसने सुनील नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद 50,000 रुपये कमाने का लालच देकर उससे बैंक खाता खुलवाया और उसे अपने नियंत्रण में ले लिया।

यह कार्रवाई इंस्पेक्टर संदीप सिंह की देखरेख और एसीपी अनिल शर्मा के नेतृत्व में एसआई राकेश मलिक, डब्लूएसआई भाग्यश्री और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने की।

राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) पर जांच से पता चला कि जतिन के खाते से जुड़ी 6 अन्य शिकायतें दर्ज हैं। अब तक जतिन और उसके साथियों के खिलाफ पूरे भारत में कुल 25 साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें सामने आई हैं। फरार मुख्य साजिशकर्ता सुनील और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

यह धोखाधड़ी कैसे हुई?
शिकायतकर्ता को नकली स्टॉक ट्रेडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया और फिर झूठे वादों के तहत निवेश करने के लिए मजबूर किया गया।
अधिकारी किसने इस कार्रवाई को अंजाम दिया?
इस कार्रवाई का नेतृत्व इंस्पेक्टर संदीप सिंह ने किया, जिसमें एसीपी अनिल शर्मा और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम शामिल थी।
क्या आरोपी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए कुछ किया?
हाँ, आरोपी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेज और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था।
इस मामले में कितनी शिकायतें दर्ज की गई हैं?
इस मामले में अब तक कुल 25 साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
क्या आरोपी अकेला था?
नहीं, आरोपी के साथ अन्य लोग भी शामिल थे, जिनकी तलाश जारी है।