क्या दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
- ये अपराधी राजस्थान और हरियाणा के साइबर हॉटस्पॉट से जुड़े थे।
- ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही थी।
- पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की।
- जांच जारी है और अन्य संदिग्धों की तलाश हो रही है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी राजस्थान और हरियाणा के उन क्षेत्रों से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे थे, जिन्हें 'साइबर अपराध हॉटस्पॉट' माना जाता है।
ये गिरफ्तारियां दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को लक्ष्य बनाकर की जा रही धोखाधड़ी से संबंधित हैं, जिनमें ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी और डिजिटल अरेस्ट जैसी नई तकनीकें शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, दो आरोपी राजस्थान के हैं जबकि एक हरियाणा का है। आरोपियों को राजस्थान के टोंक, सीकर और जयपुर से पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, ये इलाके साइबर धोखाधड़ी के नेटवर्क के लिए तेजी से सक्रिय केंद्र बनते जा रहे हैं।
वास्तव में, दिल्ली के द्वारका जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने साइबर अपराध की शिकायतों के बाद एक विशेष अभियान शुरू किया। पुलिस ने डिजिटल सबूतों का विश्लेषण करते हुए तीन अलग-अलग मामलों में राजस्थान के दूरदराज इलाकों से संबंध पाए जाने पर वहां टीमें तैनात कीं।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक जांच में राजस्थान के नए और उभरते साइबर अपराध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ प्रभावी और लक्षित कार्रवाई के लिए, हमारी टीम ने टोंक, सीकर, जयपुर और सिरसा में विस्तृत अभियान चलाया।
गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों की पहचान टोंक निवासी दीपक, सीकर निवासी सुरेंद्र कुमार डूडी और सिरसा निवासी राजवीर के रूप में की गई।
पुलिस ने रविवार को बताया कि 2 जुलाई को दीपक और सुरेंद्र कुमार डूडी को पकड़ा गया। दीपक निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करता था और साइबर अपराध के लिए नकली बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। सुरेंद्र कुमार डूडी डिजिटल अरेस्ट से मिले पैसे लेता था। इसके अतिरिक्त, 30 जून को राजवीर को पकड़ा गया, जो निवेश की ठगी से प्राप्त पैसे का हिस्सा लेता था।
तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और साइबर अपराधी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसी प्रकार के कई मामलों की जांच अभी भी चल रही है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।