क्या नीरज तेहलान हत्याकांड के आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने नीरज तेहलान हत्याकांड के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- मुठभेड़ गुरुग्राम में हुई, जिसमें पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
- आरोपियों के पास से दो लोडेड पिस्टल और कारतूस बरामद हुए।
- यह कार्रवाई अपराध पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण है।
- पुलिस ने पहले भी ऐसे कई मामलों में कार्यवाही की है।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नीरज तेहलान हत्याकांड में फरार दो आरोपियों को शुक्रवार सुबह एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी गुरुग्राम के सेक्टर-99 से हुई है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और गुरुग्राम पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) ने एक संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने नजफगढ़ हत्याकांड के दो फरार आरोपियों को मुठभेड़ में पकड़ लिया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी नीरज तेहलान की हत्या के मामले में वांछित थे। नीरज की हत्या 4 जुलाई 2025 को नजफगढ़ में हुई थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहित जाखड़ (29 वर्ष), पिता का नाम सुरेंद्र जाखड़ और जतिन राजपूत (21 वर्ष), पिता का नाम शिव कुमार के रूप में हुई है। मोहित जाखड़ दिल्ली के छावला और जतिन राजपूत दिल्ली के द्वारका मोड़ का निवासी है।
पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर के दौरान आरोपियों ने कुल 6 राउंड फायर किए, जिनमें से एक गोली हेड कांस्टेबल नरपत के बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी, जबकि दूसरी एसआई विकास के बाएं हाथ में लगी। पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें दोनों आरोपियों को पैरों में चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम के सेक्टर-10 स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा, पुलिस ने घटनास्थल से दो लोडेड पिस्टल, जिनमें 5 जिंदा कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
इससे पहले भी दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। 20 सितंबर को दिल्ली के रोहिणी में कुख्यात अपराधी लल्लू और गोगी गैंग के साथियों के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, लल्लू ने हाल ही में अपने साथियों के साथ तीन व्यक्तियों पर हमला किया था और उसका वीडियो इंस्टाग्राम पर डाला था ताकि गोगी गैंग से अपने संबंध और दबदबे को दिखा सके। पीड़ित पक्ष ने इस घटना के विरोध में एक महासभा बुलाने का आह्वान किया था। इसी के मद्देनजर लल्लू अपने गैंग के साथ हमला कर गैंग वर्चस्व स्थापित करना चाहता था।