क्या दिल्ली पुलिस की महिला टीम ने 47 चोरी-खोए मोबाइल बरामद किए?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 47 चोरी और खोए मोबाइल फोन बरामद किए।
- महिला पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 20 फोन मालिकों को लौटाए गए।
- सीईआईआर पोर्टल का उपयोग किया गया।
- समय पर शिकायत दर्ज करने का महत्व।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बार फिर अपनी सजगता और समर्पण का परिचय दिया है। अपराध शाखा की ईआर-II यूनिट ने खोए और चोरी हुए मोबाइल फोनों की बरामदगी में बेहतरीन सफलता हासिल की है।
पिछले महीने इस यूनिट ने 47 मोबाइल फोन सफलतापूर्वक बरामद किए, जिनमें से 20 फोन उनके असली मालिकों को एक विशेष समारोह में सौंप दिए गए। यह उपलब्धि न केवल पुलिस की तकनीकी कुशलता को दिखाती है, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों के अथक परिश्रम का भी प्रमाण है। डीसीपी क्राइम-II विक्रम सिंह ने इस मौके पर जांच टीमों की सराहना की और कहा कि नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है।
यह पूरी कार्रवाई अपराध शाखा ईआर-II की एक विशेष महिला टीम के नेतृत्व में हुई। इंस्पेक्टर उमेश सती और एसीपी कैलाश शर्मा की देखरेख में गठित इस टीम में महिला कांस्टेबल पूजा, सिमरन, अलका और एक अन्य पूजा शामिल थीं। इन महिला पुलिसकर्मियों ने फील्डवर्क, तकनीकी विश्लेषण और समन्वित अनुवर्ती कार्रवाई के जरिए चोरी और खोए मोबाइल फोन का पता लगाया। उनकी मेहनत से न केवल फोन बरामद हुए, बल्कि मालिकों तक सुरक्षित पहुंच भी सुनिश्चित हुई। वरिष्ठ अधिकारियों ने हेड कांस्टेबल पूजा, कांस्टेबल सिमरन और कांस्टेबल पूजा की प्रशंसा करते हुए उनके योगदान को असाधारण बताया।
मोबाइल फोन आज के समय में जीवन का जरूरी अंग है। इनमें निजी डेटा, बैंकिंग जानकारी और संपर्क सूची होती है। चोरी या खोने पर व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है। दिल्ली पुलिस ने ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई के लिए केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल को प्रभावी बनाया है।
नागरिकों से अपील की गई है कि मोबाइल खोने या चोरी होने पर तुरंत दिल्ली पुलिस की ऑनलाइन सेवाओं या सीईआईआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। इससे आईएमईआई नंबर के जरिए फोन को ट्रैक करना आसान हो जाता है। पुलिस का दावा है कि समय पर सूचना मिलने से बरामदगी की संभावना बढ़ जाती है।