क्या दिल्ली के खिलौना व्यापारियों को मिलेगी टॉय पॉलिसी? सीएम रेखा गुप्ता ने दिया आश्वासन

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
- टॉय पॉलिसी का आश्वासन व्यापारियों के लिए सुनहरा अवसर हो सकता है।
- खिलौनों का स्वरूप बदल रहा है, जो उद्योग के लिए नई चुनौतियाँ ला रहा है।
- व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
- दिल्ली में टॉय एग्जीबिशन का आयोजन उद्योग को प्रोत्साहित करेगा।
नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में टॉय एग्जीबिशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीएम ने प्रदर्शनी का बारीकी से निरीक्षण किया और उपस्थित एक्जीबिटर्स को संबोधित किया। सीएम ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन विदेशों में भारत निर्मित खिलौनों की धूम मचेगी।"
सीएम ने अपने भाषण में टॉय पॉलिसी और खिलौनों के व्यापार से जुड़ी समस्याओं का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार व्यापारियों और टॉय इंडस्ट्री के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करना चाहती है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि आमतौर पर कार्यक्रमों में फूलों के गुलदस्ते से स्वागत किया जाता है, लेकिन आज इस प्रदर्शनी में मुझे खिलौने मिले।
रेखा गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में खिलौनों का स्वरूप पहले की तुलना में काफी बदल गया है। हालांकि, मुझे बचपन से खिलौने बेहद पसंद हैं, लेकिन उनका स्वरूप अब वैसा नहीं रहा।
उन्होंने प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार के खिलौनों को देखकर खुशी व्यक्त की और व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान से सुना। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार उनकी सुविधाओं और समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
खिलौना एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु गुप्ता ने कहा, "हम मुख्यमंत्री के आगमन के लिए उनका दिल से आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि टॉय पॉलिसी, जो खिलौना उद्योग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, को सक्रिय रूप से समर्थन और बढ़ावा दिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, बिहार समेत कई अन्य राज्यों में यह पॉलिसी है और अब दिल्ली में भी इसके लिए आश्वासन मिला है।
टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार गौतम ने बताया कि कई राज्य वर्तमान में खिलौनों से संबंधित नीतियां बना रहे हैं। पहले लगभग 90 प्रतिशत खिलौनों का उत्पादन दिल्ली में होता था, लेकिन अब निर्माता दिल्ली से बाहर जा रहे हैं। इसलिए हमने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अनुरोध किया है कि दिल्ली के लिए भी एक टॉय पॉलिसी लाने का प्रयास किया जाए, ताकि निर्माता यहाँ बने रहें और व्यापार बढ़ सके।