क्या दिल्ली विस्फोट के आरोपी आमिर राशिद अली की एनआईए कस्टडी 7 दिनों के लिए बढ़ाई गई?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली बम धमाका मामले में एनआईए ने आरोपी आमिर की कस्टडी बढ़ाई।
- आमिर ने आत्मघाती हमलावर के साथ साजिश रची थी।
- अदालत ने अन्य आरोपियों की कस्टडी भी बढ़ाई है।
- जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
- एनआईए पूरे मॉड्यूल को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी संदर्भ में दिल्ली बम ब्लास्ट के आरोपी आमिर राशिद अली को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जज के समक्ष पेश किया गया। इस अवसर पर कोर्ट ने आरोपी की 7 दिनों की एनआईए कस्टडी को बढ़ाने का आदेश दिया है।
इससे पूर्व एनआईए ने 2 दिसंबर को इस केस के मुख्य आरोपी आमिर राशिद अली की कस्टडी 7 दिन16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और एजेंसी को पहले उसकी 10 दिन की रिमांड मिली थी। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान एनआईए को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिसके आधार पर हिरासत बढ़ाने की मांग की गई।
जांच में यह सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल की गई कार का मालिक स्वयं आमिर था। एजेंसी के अनुसार, उसने न केवल आत्मघाती हमलावर के साथ साजिश की बल्कि हमले की तैयारियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। दिल्ली पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने कई राज्यों में छापेमारी की, जिसके चलते आमिर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को गिरफ्तार चार आरोपियों की एनआईए कस्टडी 4 दिन और बढ़ाई थी। इन आरोपियों में डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान अहमद और आदिल अहमद शामिल हैं।
इन आरोपियों को 10 दिन की पिछली कस्टडी पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया था। अब एजेंसी को उनसे आगे की पूछताछ के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।
अदालत ने 5 दिसंबर को एक अन्य आरोपी शोएब की एनआईए कस्टडी 10 दिन और बढ़ाने की अनुमति दी थी। एजेंसी का आरोप है कि शोएब ने धमाके से ठीक पहले आतंकवादी उमर नबी को पनाह दी थी और उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया था। एनआईए का कहना है कि शोएब की भूमिका साजिश के महत्वपूर्ण हिस्से को समझने में बेहद अहम है।
एनआईए इस पूरे मॉड्यूल को तोड़ने के लिए लगातार कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। एजेंसी का लक्ष्य इस नेटवर्क से जुड़े हर सदस्य की पहचान करना और उसे गिरफ्तार करना है। जांचकर्ता सभी संभावित सुरागों को इकट्ठा कर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि हमला किस प्रकार योजना बनाई गई और इसमें किन-किन लोगों की भूमिका रही।