क्या दिल्ली विस्फोट मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ी है।
- जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की।
- डॉक्टर मोहम्मद उमर की पहचान उसके डीएनए से हुई।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंप दी है।
- आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई गई है।
श्रीनगर, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विस्फोट के पश्चात विभिन्न राज्यों में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है और व्यापक चेकिंग अभियान चल रहे हैं। इसी संदर्भ में, जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग कश्मीर (सीआईके) ने गुरुवार को घाटी में 13 ठिकानों पर छापेमारी की।
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली विस्फोट के बाद कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) संगठन पर एक साथ छापेमारी की जा रही है। इस विस्फोट में एक स्थानीय डॉक्टर मोहम्मद उमर का नाम सामने आया है, जो पुलवामा जिले का निवासी है।
इस बीच, मोहम्मद उमर की मां का डीएनए उसके साथ मेल खा गया है, जिससे उसकी पहचान की पुष्टि हो गई है।
हरियाणा पुलिस के सहयोग से, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद उमर फरार हो गया था। वह अपने आतंकी साथियों, कुलगाम जिले के डॉ. आदिल और पुलवामा जिले के डॉ. मुजम्मिल गनई की गिरफ्तारी के बाद भाग निकला।
लखनऊ की एक महिला, डॉ. शाहीन शाहिद, फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में मोहम्मद उमर और अन्य के साथ काम कर रही थी। उसे उसकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया। लखनऊ पुलिस ने बुधवार को उसके भाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
डॉ. आदिल को सीसीटीवी फुटेज में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाते हुए देखा गया, जिससे वह पकड़ा गया। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में उसके लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद की गई।
उसके खुलासे के बाद अल फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ. मुजम्मिल गनई को भी गिरफ्तार किया गया। फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुजम्मिल से 2,900 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली आतंकी विस्फोट की जांच एनआईए को सौंप दी है।
--आईएएएस
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