क्या देश में विपक्ष का व्यवहार अशोभनीय है, जनादेश को क्यों नहीं स्वीकारते प्रह्लाद जोशी?

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क्या देश में विपक्ष का व्यवहार अशोभनीय है, जनादेश को क्यों नहीं स्वीकारते प्रह्लाद जोशी?

सारांश

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के रवैये को अशोभनीय बताते हुए कहा कि जनादेश को स्वीकार न करना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। जानिए उन्होंने किस तरह के तर्क दिए हैं और क्यों विपक्ष की स्थिति कमजोर हो रही है।

Key Takeaways

  • प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के रवैये को अशोभनीय बताया।
  • विपक्ष का जनादेश को स्वीकार न करना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
  • उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर अपनी राय रखी।
  • कांग्रेस नेताओं के तर्कों को उन्होंने बेबुनियादी कहा।

हुबली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को विपक्ष के व्यवहार को अशोभनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस बात को समझने में असमर्थ है कि कैसे देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में अपना जनादेश दिया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी विपक्ष के लोग जनता के निर्णय को मानने को तैयार नहीं हैं।

प्रह्लाद जोशी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि 2008 में कर्नाटक की जनता ने हमें जनादेश दिया था, तब हम सत्ता में थे और जब इन लोगों को जनता ने चुना, तो हमने इसे खुशी-खुशी स्वीकार किया। अब जब जनता ने हमें विपक्ष में रखा है, तो हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। हम इसे स्वीकारते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में विपक्ष के लिए यह बड़ी समस्या बन गई है कि वे जनादेश को नहीं मान पा रहे हैं। लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता का मत सबसे महत्वपूर्ण होता है और इस पर कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता। लेकिन, यह अजीब है कि विपक्ष इसे नहीं मान रहा है और आज की तारीख में उनका व्यवहार अपरिपक्व हो गया है।

उन्होंने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि 2002 में भी ऐसा हो चुका है, लेकिन अब प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव शुद्धिकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। लेकिन, यह समझ से बाहर है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसका विरोध क्यों कर रहे हैं, जबकि उनके विपक्ष के नेता भी उनके तर्क से सहमत नहीं हैं। उनकी यह बात पूरी तरह से बेबुनियादी साबित हो रही है।

उन्होंने कहा कि जब तत्कालीन नेहरू सरकार की आलोचना हुई थी, तब इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने में संकोच नहीं किया था। हमें आपातकाल और शाहाबुद्दीन के केस के बारे में सब कुछ पता है। आज कांग्रेस की स्थिति ऐसी है कि यदि न्यायालय का आदेश उनके पक्ष में आता है, तो वे न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं, लेकिन जब आदेश उनके खिलाफ आता है, तो उनका भरोसा उठ जाता है। यह क्या तरीका है? उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि इस देश में न्यायपालिका की एक व्यवस्था है, जो विवादों का समाधान करती है।

Point of View

NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के व्यवहार के बारे में क्या कहा?
प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के व्यवहार को अशोभनीय बताते हुए कहा कि वे जनादेश को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
क्या विपक्ष का व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है?
हां, विपक्ष का जनादेश को न स्वीकार करना लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर सकता है।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर प्रह्लाद जोशी का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुद्धिकरण के उद्देश्य से किया जा रहा है।
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