क्या डीजीपी ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया?

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क्या डीजीपी ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया?

सारांश

फतेहगढ़ साहिब में शहीदी सभा की शुरुआत के दौरान, डीजीपी गौरव यादव ने सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। क्या पुलिस अधिकारी इस बार सभी व्यवस्थाओं को ठीक से संभाल पाएंगे?

Key Takeaways

  • सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।
  • डीजीपी ने बहुस्तरीय योजना की समीक्षा की।
  • श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल सहायता उपलब्ध है।
  • ट्रैफिक प्रबंधन के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
  • धार्मिक सभा का शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित किया गया है।

चंडीगढ़/फतेहगढ़ साहिब, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फतेहगढ़ साहिब में छोटे साहिबजादों की शहादत की स्मृति में वार्षिक शहीदी सभा का आयोजन प्रारंभ होते ही, पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने गुरुवार को इस पवित्र स्थल पर मत्था टेका। इस अवसर पर, उन्होंने धार्मिक सभा के सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा और यातायात प्रबंधन योजना की समीक्षा की।

तीन दिवसीय वार्षिक शहीदी सभा का आयोजन गुरुवार से गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में शुरू हुआ, जिसमें १०वें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।

डीजीपी ने डीआईजी रोपड़ रेंज नानक सिंह और एसएसपी फतेहगढ़ साहिब शुभम अग्रवाल के साथ मिलकर इस धार्मिक सभा के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से छह सेक्टरों में बाँटा गया है। यहाँ पर छह एसपी रैंक के अधिकारियों और २४ डीएसपी रैंक के अधिकारियों की देखरेख में ३४०० से अधिक पुलिसकर्मियों की एक टीम तैनात की गई है, जो पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

डीजीपी ने कहा, "हमारा सबसे पहला कर्तव्य संगत की सुरक्षा, आराम और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करना है।" पंजाब पुलिस इस जिम्मेदारी को सेवा के रूप में निभा रही है और श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों को सतर्क और कर्तव्य के प्रति समर्पित रहते हुए विनम्र और लोगों के अनुकूल दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया गया है।

देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के सुचारू रूप से आने-जाने की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने कई उपाय लागू किए हैं।

गुरुद्वारा साहिब के 200 मीटर के दायरे में कोई भी गाड़ी जोन नहीं बनाया गया है और २२ पार्किंग स्थान तय किए गए हैं। श्रद्धालुओं को पार्किंग एरिया से गुरुद्वारा साहिब तक ले जाने के लिए ई-रिक्शा, ऑटो और शटल बस सेवा का इंतजाम किया गया है।

ट्रैफिक प्रबंधन को आसान बनाने के लिए, पंजाब पुलिस ने पार्किंग स्थान की रियल-टाइम जियो-टैगिंग के लिए गूगल के साथ मिलकर काम किया है, और जरूरी जगहों पर दिशा बताने वाले साइन बोर्ड लगाए गए हैं।

असरदार मॉनिटरिंग और निगरानी के लिए, भीड़ की आवाजाही, ट्रैफिक फ्लो और पार्किंग एरिया पर नजर रखने के अलावा, ६ ड्रोन और लगभग ३०० हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

डीजीपी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस सहायता, मेडिकल मदद और फायर सर्विस देने वाले छह इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। इसके अलावा, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम, पब्लिक सहायता कियोस्क, स्पेशल इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमें और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, स्पेशल ब्रांच और इंटेलिजेंस इनपुट के जरिए २४ घंटे निगरानी शुरू की गई है।

Point of View

बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देती है कि प्रशासन धार्मिक आयोजनों के प्रति संवेदनशील है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

डीजीपी ने सुरक्षा के लिए कौन सी व्यवस्थाएँ की हैं?
डीजीपी ने ३४०० से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की है और बहुस्तरीय सुरक्षा योजना लागू की है।
क्या श्रद्धालुओं के लिए ट्रैफिक व्यवस्था की गई है?
हाँ, पार्किंग स्थानों की रियल-टाइम जियो-टैगिंग की गई है और दिशा बताने वाले साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
क्या मेडिकल सहायता की व्यवस्था की गई है?
हाँ, श्रद्धालुओं के लिए छह इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है।
इस वर्ष की शहीदी सभा कब से शुरू हुई?
तीन दिवसीय वार्षिक शहीदी सभा गुरुवार से शुरू हुई है।
डीजीपी ने किन अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा की?
डीजीपी ने डीआईजी नानक सिंह और एसएसपी शुभम अग्रवाल के साथ सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
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