क्या धनुरासन मोटापा घटाने में सहायक है और तनाव को कम करता है?

सारांश
Key Takeaways
- धनुरासन मोटापे को कम करने में सहायक है।
- यह मानसिक शांति प्रदान करता है।
- नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- तनाव और थकान को कम करने में सहायक है।
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय योग पद्धति में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हर समस्या का समाधान मौजूद है। वर्तमान समय में मोटापा एक गंभीर समस्या बन गया है, जो कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। ऐसे में धनुरासन एक प्रभावी योगासन है, जिसके नियमित अभ्यास से अतिरिक्त चर्बी घटाई जा सकती है। यह आसन शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
धनुरासन की मुद्रा धनुष के आकार की होती है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन पेट और पेट के किनारों पर अधिकतम खिंचाव उत्पन्न करता है।
मंत्रालय ने बताया कि नियमित रूप से धनुरासन करने से शरीर के विभिन्न हिस्सों की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायता मिलती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि मानसिक शांति और लचीलापन भी बढ़ाता है।
धनुरासन को 'बो पोज' के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें व्यक्ति पेट के बल लेटकर अपने पैरों को पीछे खींचता है और हाथों से टखनों को पकड़ता है, जिससे पेट और छाती पर खिंचाव होता है।
आयुष मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यह आसन पाचन तंत्र को मजबूत करने, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने और शरीर की मुद्रा में सुधार करने में मदद करता है।
धनुरासन का नियमित अभ्यास रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जो शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति को बढ़ाता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह तनाव और थकान को कम करने में भी सहायक है, क्योंकि यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
एक्सपर्ट ने धनुरासन का सही अभ्यास करने का तरीका बताया है। उनके अनुसार, सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और हाथों को पैरों के पास रखते हुए घुटनों को मोड़ें। मुड़े हुए घुटनों को पकड़कर रखें। अब सांस लेते हुए सीने को ऊपर उठाएं और हाथों से पैरों को खींचें। इस अवस्था में १०-२० सेकंड तक बने रहना चाहिए।
एक्सपर्ट के मुताबिक, धनुरासन का अभ्यास प्रशिक्षित योग गुरु की देखरेख में करना चाहिए, खासकर जो पहली बार इसे आजमा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं, हृदय रोगियों या रीढ़ की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को इसे करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।