क्या पीएम मोदी ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे?
सारांश
Key Takeaways
- ध्वजारोहण का कार्यक्रम अयोध्या में हो रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में शामिल होंगे।
- ध्वज में श्रीराम और मां सीता का चित्रण है।
अयोध्या, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज अयोध्या में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुँच चुके हैं। श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण होगा। इस ध्वज में चमकते सूर्य और कोविदारा पेड़ की तस्वीर होगी।
कार्यक्रम के आयोजन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ध्वजारोहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुँच चुके हैं। उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी ने किया। इस दौरान वह धीरे-धीरे मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं। उनके स्वागत के लिए महिलाएं और बड़ी संख्या में छात्र भी वहाँ मौजूद हैं। उपस्थित लोग जय श्री राम के जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं। वह लोगों का हाथ हिलाकर उत्साहवर्धन कर रहे हैं। वह करीब एक किलोमीटर का रोड शो करते हुए दिखाई दिए।
इसके बाद पीएम मोदी वीवीआईपी गेट से मंदिर के अंदर पहुंचे। वह मंदिर में ध्वजारोहण करेंगे। उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत उपस्थित रहेंगे। इससे पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि प्रभु श्री राम भारतवर्ष की आत्मा, उसकी चेतना और उसके गौरव का आधार हैं। मेरे लिए यह परम सौभाग्य की बात है कि कल २५ नवंबर को सुबह करीब १० बजे अयोध्या के दिव्य-भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने लिखा, "इसके बाद दोपहर लगभग १२ बजे श्री राम लला के पवित्र मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज के विधिवत आरोहण के ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनूंगा। यह ध्वज भगवान श्री राम के तेज, शौर्य और उनके आदर्शों के साथ-साथ हमारी आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। जय श्री राम।"
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि २५ नवंबर को राम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह में "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी न्यासी उपस्थित रहेंगे। अयोध्या के अधिक से अधिक संत महात्मा यहाँ मौजूद रहेंगे।