क्या भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट 2030 तक 25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट 2030 तक 25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
- निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले तीन वर्षों में दो गुना रिटर्न दिया है।
- इस क्षेत्र की वृद्धि में सरकारी खर्च और प्राइवेट कैपेक्स का योगदान है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स का 2-3 रुपए का जीडीपी प्रभाव होता है।
- यह क्षेत्र महंगाई के लिए भी लिंक्ड इनकम प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत एक मल्टी-ईयर इंफ्रा सुपर साइकल में प्रवेश कर चुका है। मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले तीन वर्षों में निफ्टी 50 के मुकाबले दो गुना रिटर्न दिया है।
स्मॉलकेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर इक्विटी डिफेंसिव से हाई-बीटा और हाई-अल्फा की दिशा में बढ़ रहा है, और 2030 तक इसका मार्केट साइज 25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।
विश्लेषकों का मानना है कि पीएलआई स्कीम, ग्लोबल सप्लाई चेन में परिवर्तन और मैन्युफैक्चरिंग पहलों के माध्यम से यह वृद्धि हो रही है, जो सरकारी खर्च और प्राइवेट कैपेक्स में सुधार के कारण संभव हो रही है।
स्मॉलकेस के अनुसार, इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स का हर एक रुपया 2-3 रुपए का जीडीपी प्रभाव उत्पन्न करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर एग्जीक्यूशन के लिए मार्केट में हाई बीटा बना रह सकता है, जिसमें इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्रियल्स, सीमेंट, पावर इक्विपमेंट और लॉजिस्टिक्स में अर्निंग्स विजिबिलिटी मजबूत बनी रहेगी।
इनविट्स की वृद्धि को अनुमानित कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड रेवेन्यू स्ट्रीम से समर्थन मिलेगा, जो 10-12 प्रतिशत की प्री-टैक्स यील्ड और 7-9 प्रतिशत की पोस्ट टैक्स रिटर्न देगा, जो पारंपरिक फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स से अधिक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले वर्ष में 14.5 प्रतिशत, तीन वर्षों में 82.8 प्रतिशत और पांच वर्षों में 181.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि समान अवधि के लिए निफ्टी 50 के रिटर्न क्रमश: 10.5 प्रतिशत, 41.5 प्रतिशत और 100.3 प्रतिशत है।
स्मॉलकेसअभिषेक बनर्जी ने कहा, "भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश में मार्केट की अनिश्चितता के समय कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन उनका 10.2 प्रतिशत का ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव इक्विटी मार्केट के 15.4 प्रतिशत से काफी कम है, जो तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि इक्विटी से केवल 0.42 के कोरिलेशन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म यूटिलिटीज की तरह काम करते हैं और लगातार महंगाई से लिंक्ड इनकम देते हैं, जिस पर आर्थिक उतार-चढ़ाव का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।