क्या डायल 112 घोटाले का दावा सही है? मध्य प्रदेश सरकार ने बताया- 1500 नहीं, 972 करोड़ का है 5 साल का टेंडर
 
                                सारांश
Key Takeaways
- डायल 112 के लिए 972 करोड़ का टेंडर है।
- गाड़ियाँ खरीदी नहीं गईं, उन्हें किराए पर लिया गया है।
- टेंडर की राशि में संचालन और रखरखाव का खर्च भी शामिल है।
- सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैल रही है।
- हर जानकारी की सत्यता की जाँच करना आवश्यक है।
भोपाल, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश सरकार ने डायल 112 के लिए स्कॉर्पियो खरीद में घोटाले के आरोपों का खंडन किया है। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने फैक्ट चेक करते हुए बताया कि डायल 112 के तहत खरीदी गई गाड़ियों के संबंध में किया गया दावा भ्रामक है।
एक व्यक्ति ने मध्य प्रदेश सरकार पर स्कॉर्पियो खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर व्यक्ति ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस ने डायल 100 की जगह 112 कर दी है, जिसके लिए 1200 नई गाड़ियां खरीदी गई हैं, जिनमें 600 स्कॉर्पियो और 600 बोलेरो शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो गाड़ियां 30 से 40 लाख में आती हैं, उन्हें सरकार ने एक करोड़ से अधिक में खरीदा है। उन्होंने कहा कि 1200 गाड़ियां 1500 करोड़ रुपए में खरीदी गई हैं।
फैक्ट चेक के बाद, मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने स्पष्ट किया कि ये गाड़ियां खरीदी नहीं गई हैं, बल्कि सरकार ने इन्हें किराए पर लिया है। जनसंपर्क विभाग ने बताया कि डायल 112 का कुल टेंडर लगभग 972 करोड़ रुपए का है, जो कि 1500 करोड़ नहीं है। यह राशि 1 साल के लिए नहीं, बल्कि 5 साल के लिए है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए जनसंपर्क विभाग ने कहा, "इस टेंडर की 972 करोड़ रुपए की राशि में केवल गाड़ियों का किराया ही नहीं, बल्कि 1200 एफआरवीएस (गाड़ियां) के संचालन, रखरखाव और लगभग 5000 कर्मचारियों का वेतन (719.75 करोड़ रुपए) भी शामिल है। इसके अलावा, स्टेट कमांड सेंटर, डेस्कटॉप्स और 500 से अधिक कर्मचारियों का वेतन (78.5 करोड़ रुपए) भी शामिल है। इसमें आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर आदि) और उनका रखरखाव (174 करोड़ रुपए) भी शामिल है।"
जनसंपर्क विभाग ने जानकारी दी कि बोलेरो को 32 हजार रुपए प्रति माह और स्कॉर्पियो को 36 हजार रुपए प्रति माह किराए पर लिया गया है। इस प्रकार, कुल खर्च 5 वर्षों के लिए 972 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            