क्या डायमंड हार्बर पुलिस ने विशेष अभियान के तहत 1,000 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे किए जब्त?

सारांश
Key Takeaways
- डायमंड हार्बर पुलिस ने 1,000 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए।
- यह अभियान पर्यावरण-सुरक्षित उत्सव को बढ़ावा देने के लिए है।
- पुलिस ने 23 प्राथमिकी दर्ज की हैं।
- स्थानीय निवासियों का सहयोग महत्वपूर्ण है।
- अवैध पटाखों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है।
डायमंड हार्बर, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। काली पूजा और जगद्धात्री पूजा के अवसर पर, डायमंड हार्बर पुलिस ने अवैध पटाखों के खिलाफ एक महीने तक चले अभियान में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। इस दौरान पुलिस ने जिले भर में कई छापेमारी अभियानों के तहत लगभग 1,000 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए हैं। यह कदम पर्यावरण-सुरक्षित उत्सव को बढ़ावा देने और सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिशप सरकार ने कहा, “त्योहारी मौसम में पटाखों का उपयोग आम है। हमारा उद्देश्य पर्यावरण-सुरक्षित पटाखों को प्रोत्साहित करना और अवैध पटाखों के निर्माण एवं बिक्री पर रोक लगाना है। पिछले एक महीने में महेशतला और बजबज पुलिस थानों की टीमों ने कई छापे मारे, जिसके फलस्वरूप 1,000 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किए गए। इस संदर्भ में 23 प्राथमिकी भी दर्ज की गई हैं, और जब्त की गई सामग्री को जीडी प्रक्रियाओं के तहत सुरक्षित रूप से नष्ट किया गया है।”
उन्होंने जनता से पर्यावरण-सुरक्षित आतिशबाजी का उपयोग करने और कानून का पालन करने की अपील की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मिथुन कुमार डे ने बताया, “जिले में अवैध पटाखों का उत्पादन और बिक्री मुख्य रूप से बजबज और महेशतला क्षेत्रों में हो रही है। पिछले एक महीने से निरंतर छापेमारी की जा रही है और यह अभियान अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। अब तक 25 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हम अवैध पटाखों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासियों के सहयोग से पुलिस पहले तेज आवाज वाले डीजे सिस्टम पर अंकुश लगाने में सफल रही थी और अब यही रणनीति अवैध आतिशबाजी पर लागू की जा रही है।
एएसपी मिथुन कुमार डे ने यह भी बताया कि डायमंड हार्बर, उस्ती और फाल्टा क्षेत्रों में पहले अवैध पटाखा निर्माण की गतिविधियाँ सामने आई थीं। हालांकि, पुलिस की सख्ती और जागरूकता अभियानों के कारण कई लोग इस गैरकानूनी व्यापार से बाहर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पूजा आयोजक और स्थानीय निवासी पर्यावरण-सुरक्षित पटाखों का उपयोग करें। हम घरों पर भी नजर रख रहे हैं ताकि कोई विस्फोटक सामग्री जमा न हो सके।”
पुलिस ने लाइसेंस प्राप्त पटाखा निर्माताओं को भी सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी दी है।
एएसपी मिथुन कुमार डे ने जोर देकर कहा, “हमारा सामूहिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आतिशबाजी के कारण किसी की जान न जाए।” यह अभियान न केवल त्योहारी मौसम को सुरक्षित बनाने में सहायता करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगा।