क्या दिल्ली के द्वारका में 'नो गन्स, नो गैंग्स' मिशन ने अपराधियों को पकड़ने में सफलता पाई?
सारांश
Key Takeaways
- 'नो गन्स, नो गैंग्स' अभियान ने अपराधियों को पकड़ने में मदद की।
- पुलिस की सक्रियता से स्थानीय निवासियों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
- अवधारणा के तहत पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर सफल कार्रवाई की।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में पुलिस ने 'नो गन्स, नो गैंग्स' अभियान के तहत दो आदतन अपराधियों को गिरफ्तार करके एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड (एएटीएस) की टीम ने दीपक उर्फ काला नटिया (30 वर्ष) और सुबिंदर कुमार उर्फ फगवा (28 वर्ष) को एक लोडेड देसी पिस्तौल और चोरी की स्कूटी के साथ पकड़ा।
दोनों आरोपी पड़ोसी थे और निजी दुश्मनी के चलते हत्या की योजना बना रहे थे। डीसीपी द्वारका अंकित सिंह ने इसे अपराध रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
यह कार्रवाई 23 सितंबर 2025 को शुरू हुई, जब एएसआई विजय सिंह को मुखबिर से खुफिया जानकारी मिली कि दो संदिग्ध द्वारका सेक्टर-17 के गोल्फ कोर्स रोड पर स्कूटी पर घूम रहे हैं। वे अवैध हथियार लेकर अपराध की फिराक में थे। एसीपी रामअवतार के पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर कमलेश कुमार की टीम ने तुरंत एक्शन लिया। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास संदिग्धों को देखा तो वे भागने लगे। लंबे पीछा के बाद पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। तलाशी में दीपक के पास से एक देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद हुआ। स्कूटी जनकपुरी से चुराई गई थी।
द्वारका उत्तर थाने में एफआईआर नंबर 397/25 धारा 25 आर्म्स एक्ट और 317(2) बीएनएस के तहत दर्ज की गई। पूछताछ में दीपक ने कबूल किया कि उसके पड़ोसी से पुराना झगड़ा था। बदला लेने के लिए उसने हथियार मंगवाया और सुबिंदर को साथ लिया। सुबिंदर ने बताया कि वह जबरन वसूली की योजना बना रहा था, लेकिन पकड़े जाने से पहले ही नाकाम हो गया। दोनों डाबड़ी क्षेत्र के सीता पुरी के निवासी हैं।
दीपक पर पहले से 16 मामले दर्ज हैं, जिनमें डकैती, हत्या का प्रयास, झपटमारी और चोरी शामिल हैं। जनकपुरी थाने में डकैती के एक केस में उसे सजा भी हो चुकी है। सुबिंदर पर 5 मामले हैं, जिनमें हत्या, डकैती और चोरी शामिल हैं। वह सीसीएल (कोर्ट में आरोपित) है और डाबड़ी में हत्या के बाद से अपराध की दुनिया में सक्रिय था।