क्या हमें राजधानी से प्रेम करना चाहिए और कहना चाहिए, 'मेरी दिल्ली, मेरा देश'?: सीएम रेखा गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली का इतिहास संघर्ष और पुनर्निर्माण का प्रतीक है।
- लाल किले की दीवारें दिल्ली के उत्थान और पतन की गवाह हैं।
- दिल्ली की विविधता और अपनापन इसकी विशेषता है।
- राजधानी के विकास में नागरिकों की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।
- दिल्ली को स्वच्छ और हरित बनाना हमारी प्राथमिकता है।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लाल किले के प्रांगण में शनिवार को आयोजित ‘मेरी दिल्ली, मेरा देश’ के समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मिलकर भाग लिया। यह आयोजन 1 नवंबर को दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों जैसे केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया गया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली का इतिहास संघर्ष, पुनर्निर्माण और आत्मबल का प्रतीक है। दिल्ली ने अपने लंबे इतिहास में अनेक कठिनाइयों और हमलों का सामना किया है, कई बार गिरी, लेकिन हर बार पहले से अधिक दृढ़ता के साथ उठ खड़ी हुई।
उन्होंने कहा कि लाल किले की प्राचीन दीवारें दिल्ली के उत्थान, पतन और पुनर्जन्म की साक्षी रही हैं। रेखा गुप्ता ने नागरिकों से अपील की कि अब समय आ गया है जब दिल्ली के लोग एकजुट होकर अपने शहर को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली की विशेषता उसकी विविधता और अपनापन है। हम सभी अलग-अलग राज्यों से आकर दिल्ली में बसे हैं। अपने-अपने मूल राज्य के प्रति सम्मान और प्रेम तो हमारे दिल में सदैव रहेगा, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली भी हमारी है और यह देश भी हमारा है। इसी भावना से इस कार्यक्रम का नाम रखा गया है, “मेरी दिल्ली, मेरा देश।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को अब अपनी पिछली तकलीफों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है, चाहे वह यमुना की सफाई हो, प्रदूषण पर नियंत्रण हो, हरियाली बढ़ाने का कार्य हो या गली-नालियों और सड़कों के निर्माण का काम, हर क्षेत्र में सुधार और प्रगति हमारी प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली को देश की राजधानी के रूप में एक विकसित, स्वच्छ और सशक्त शहर बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे दिल्ली को स्वच्छ, हरित और सुंदर बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि हम सब एक बड़े परिवार के सदस्य हैं। हर व्यक्ति यदि रोज एक छोटा-सा काम देश के लिए करे, जैसे कि शहर को साफ रखने की कोशिश, हरियाली बढ़ाने का प्रयास, नियमों का पालन करना, या किसी जरूरतमंद की मदद करना, तो देश हर दिन 140 करोड़ कदम आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि यदि देश का हर नागरिक प्रतिदिन एक कार्य भी राष्ट्रहित में करे, तो भारत निरंतर आगे बढ़ेगा। यही भावना हमें अपनानी चाहिए। रेखा गुप्ता ने सभी नागरिकों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिल्ली अब एक नए अध्याय की ओर बढ़ रही है। इस परिवर्तन यात्रा में हम सबकी भागीदारी ही इसका सबसे बड़ा बल है।
इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि 1947 में जब पंजाब से आए लाखों परिवार टूटे मन से दिल्ली पहुंचे थे, तब लाल किला ने उनके आंसू भी देखे थे और सरदार पटेल की दृढ़ता भी, जिसने उन्हें यह भरोसा दिलाया कि ‘दिल्ली आपकी भी है।’ दिल्ली की रौनक, उसकी ऊर्जा और उसका उद्यम, सबमें उस पंजाबी संघर्ष की छाप है जिसे पटेल ने सुरक्षा और सम्मान दिया था।